पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए एक साथ तैयारी करने का डीएम और प्रमंडलीय आयुक्तों को निर्देश दिया है. उन्होंने सोमवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में आयोजित बाढ़ से निबटने की अब तक हुई तैयारी की उच्च स्तरीय समीक्षा की. सभी जिलाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्तों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बारी-बारी जिले और प्रमंडल का ताजा ब्योरा लिया. समीक्षा बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि सीएम ने सभी जिलों में अब तक हुए वर्षा और फसलों के आच्छादन की स्थिति की जानकारी ली. जिलों में कम वर्षा की जानकारी पर सीएम ने अधिकारियों को बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए पूर्व से तय स्टैंडर ऑपरेटिंग प्रोसिड्योर (मानक संचालन प्रक्रिया) के आधार पर सभी आवश्यक तैयारी को पूरा करने का निर्देश दिया.
तीन घंटे तक चली बैठक
लगभग तीन घंटा तक चली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा की मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा वर्षा की मिल रहे डाटा चिंताजनक है. ऐसी स्थिति में हमें बाढ़ और सुखाड़ दोनेां से निबटने की एक साथ तैयारी शुरू करना होगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में हुई तैयारी की एक सप्ताह के अंदर प्रभारी सचिव समीक्ष करेंगे. जिलों में क्राइसिस मैनेजमैंट ग्रुप की बैठक के निर्णय के आधार पर गठित टास्क फोर्स की बैठक किया जायेगा. इससे तैयारी मे कमी को दूर किया जा सकेगा.
फसलों के रोपनी का होगा वास्तविक सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में फसलों के रोपनी का वास्वतिक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया गया. इसके लिए कृषि विभाग के कर्मियों को गांव और पंचायत का आवंटन किया जायेगा. कृषि विभाग को किसानों की सूची होती है. ऐसे में कर्मचारी प्लॉट दर प्लॉट सर्वेक्षण की जानकारी मुख्यालय को उपलब्ध करायेंगे. कर्मचारियों द्वारा सर्वेक्षण के 20 प्रतिशत पंचायतों की जांच प्रखंड स्तर के अधिकारी करेंगे और पांच प्रतिशत पंचायतों की जांच सीनियर डिप्टी कलेक्टर द्वारा जांच किया जायेगा.
बाढ़ से निबटने के उपायों पर चर्चा
जिलों में बाढ़ से निबटने के लिए रखे गये संसाधनों के रखरखाव के लिए मानक संचालन प्रक्रिया बनाने का निर्णय लिया गया है. यह जिम्मेवारी आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपा गया है. प्रधान सचिव ने बताया कि पूर्व में भी मोटर बोट, लाइफ जैकेट आदि को रखने के लिए बड़ा बक्सा खरीदने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कई जिलों में ऐसा नहीं किया गया. इसके कारण रबर वाले कई इन फ्लेटेबल बोट को चूहा ने काट दिया. कई जगहों पर लाइफ जैकेट नष्ट हो गया है. इन जिलों को तत्काल जरूरत के अनुसार संसाधन देने का निर्णय भी लिया गया.