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आइटी के क्षेत्र में बिहार निचले पायदान पर : मोदी

पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार की उदासीनता से रोजगार के सर्वाधिक संभावना वाले आइटी सेक्टर में बिहार देश के अन्य राज्यों की तुलना में निचले पायदान पर खड़ा है. आइटी प्रक्षेत्र में सृजित होनेवाले रोजगार के बड़े अवसरों से वंचित बिहार के युवाओं […]

पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार की उदासीनता से रोजगार के सर्वाधिक संभावना वाले आइटी सेक्टर में बिहार देश के अन्य राज्यों की तुलना में निचले पायदान पर खड़ा है. आइटी प्रक्षेत्र में सृजित होनेवाले रोजगार के बड़े अवसरों से वंचित बिहार के युवाओं को बेंगलुरु व अन्य शहरों में जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है.
सुशील कुमार माेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि क्या केवल शराबबंदी को लेकर दिन-रात अभियान चलाने से बिहार के युवाओं को रोजगार मिल जायेगा. राजगीर में प्रस्तावित आइटी सिटी भी जमीन के अभाव में अधर
में है.
नेशनल इंस्टीट्यूट अाफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इंफाॅर्मेशन टेक्नोलॉजी की स्थापना बक्सर और मुजफ्फरपुर में तथा साॅफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क भागलपुर और दरभंगा में करना था, जिनके लिए राज्य सरकार आज तक जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी है. निलेट के लिए बिहटा में जो जमीन दी गयी, उसमें से 2.64 एकड़ पर अतिक्रमण है.
आइआइटी,पटना में केंद्र सरकार की ओर से स्थापित होने वाले इन्क्यूबेशन सेंटर के मैचिंग ग्रांट के तौर पर दिये जानेवाले 25 करोड़ में से राज्य सरकार बमुश्किल 5-6 करोड़ ही दे पायी है.
डिजिटल इंडिया के तहत बिहार के करीब पांच हजार पंचायतों में काॅमन सर्विस सेंटर खोला गया है, मगर राज्य सरकार की ओर से इन केंद्रों को आय प्रमाणपत्र, बिजली बिल आदि जमा करने जैसी सेवाएं नहीं दी जा रही है, जिसके कारण ये केंद्र लाभकारी साबित नहीं हो पा रहे हैं. 2011 में बनी आइटी पालिसी के निष्प्रभावी होने की वजह से बिहार में उम्मीद के अनुरूप सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के क्षेत्र में सौ करोड़ का पूंजी निवेश भी नहीं हो पाया. ऐसे में बिहार के लिए अब नयी आइटी पाॅलिसी की जरूरत है

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