ऐसे में उन मरीजों को अधिक फायदा होगा जो पीठ, पैर, पेट दर्द और आंत में सूजन को लेकर काफी परेशान रहते हैं. साथ ही मरीजों को बीमारी के लिए कई प्रकार की जांच भी कराने से छुटकारा मिलेगा. अस्पताल के अधिकारियों की माने तो अगले तीन महीने में यह सुविधा शुरू कर दी जायेगी. दोनों ही मशीनों के लिए आर्डर भेज दिया गया है. ये अगले महीने तक आ जायेंगी और सितंबर महीने के शुरुआत में काम करने लगेंगी.
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गुड न्यूज: एम्स में एमआरआइ व इंडोस्कोपी जांच
पटना : पेट की बड़ी बीमारी या शरीर के किसी भी बड़ी जांच के लिए दूसरे राज्यों की तरफ रुख करने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब एमआरआइ और इंडोस्कोपी के लिए उन्हें प्राइवेट अस्पताल या फिर दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. उन्हें यह सुविधा यहीं एम्स में मिल जायेगी. ऐसे में […]
पटना : पेट की बड़ी बीमारी या शरीर के किसी भी बड़ी जांच के लिए दूसरे राज्यों की तरफ रुख करने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब एमआरआइ और इंडोस्कोपी के लिए उन्हें प्राइवेट अस्पताल या फिर दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. उन्हें यह सुविधा यहीं एम्स में मिल जायेगी.
कहां पड़ती है जरूरत : मस्तिष्क तंत्रिका तंत्र, हृदय, हड्डियों, जोड़ों, ब्रेस्ट, लंग्स व लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारी में एमआरआइ जांच की सलाह दी जाती है. इसी प्रकार पेट की बीमारी की जांच करने के लिए इंडोस्कोपी मशीन की जरूरत पड़ती है. बिना इस जांच के इन अंगों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज संभव नहीं है. यह जांच शरीर के अंदरूनी हिस्सों को बारीकी से दिखाती है और इस आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं. अस्पताल के अधिकारियों की मानें तो मार्केट से महज 10 प्रतिशत चार्ज में एम्स अस्पताल में मरीजों की जांच इन दोनों मशीन से हो जायेगी.
किसी सरकारी अस्पताल में नहीं हैं ये सुविधाएं : पीएमसीएच व आइजीआइएमएस में एमआरआइ की योजना बनी है, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं किया जा सका है. एमआरआइ जांच की सुविधा पूरे बिहार के किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है. ऐसे में जहां मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को एक जांच में पांच से सात हजार रुपये के बीच खर्च करना पड़ रहा है. 38 अस्पतालों में पीपीडी मोड पर एमआरआइ मशीन लगाने की योजना थी. सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संबंधित अस्पतालों में एमआरआइ मशीनों की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनायी थी. लेकिन यह धरातल पर नहीं उतर सका.
क्या कहते हैं अधिकारी
मरीजों की सुविधा को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने कई सुविधा शुरू करने की योजना बनायी है. एमआरआइ व इंडोस्कोपी जांच की सुविधा अगले तीन महीने में मरीजों को मिलना शुरू हो जायेगी. इसकी तैयारी हो गयी है.
डॉ जीके सिंह, डायरेक्टर, एम्स.
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