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ओवरलोडेड वाहनों से धंस रहे स्लैब ने और बढ़ायी जाम की समस्या

पटना सिटी : महात्मा गांधी सेतु पर शनिवार को यात्री शेड से लेकर पाया संख्या 46 के पास तीन जगहों पर ज्वाइंट के पास धंसे स्लैब की रिपेयरिंग का काम रविवार को शुरू हो सका. संभावना है कि सोमवार को रिपेयरिंग शुरू होगी. एहतियात के तौर पर यहां लाल निशान का कपड़ा टांग दिया गया […]

पटना सिटी : महात्मा गांधी सेतु पर शनिवार को यात्री शेड से लेकर पाया संख्या 46 के पास तीन जगहों पर ज्वाइंट के पास धंसे स्लैब की रिपेयरिंग का काम रविवार को शुरू हो सका. संभावना है कि सोमवार को रिपेयरिंग शुरू होगी. एहतियात के तौर पर यहां लाल निशान का कपड़ा टांग दिया गया है और वहां ट्राॅली लगा डिवाइडर बना दिया गया है, ताकि पूरब लेन पर छोटी व यात्री वाहनों की ही आवाजाही हो सके. हाजीपुर से पटना आनेवाले ट्रकों व हैवी मालवाहक वाहनों को यात्री शेड के पास के लेन के पश्चिम क्षेत्र का उपयोग कर निकाला जा रहा है.
सेतु पर पहले से ही जाम की समस्या थी, उस पर वाहनों के परिचालन में फेरबदल करने से जाम की समस्या और गहरा गयी है. रविवार को भी दिन भर रुक-रुक कर जाम की समस्या बनी रही. सोमवार को अगर हालात यही रहे, तो भयंकर जाम लगेगा. इधर, सेतु के जाम जीरो माइल बड़ी पहाड़ी तक पहुंच जाने की स्थिति में एनएच पर भी रफ्तार टूटती रही.
पटना. स्लैब टूटने की दो घटना के बाद गांधी सेतु पर ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन पर रोक के लिए पथ निर्माण विभाग ने पटना और वैशाली के डीएम को कड़े निर्देश दिये हैं. पथ निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने बातचीत में कहा कि इस बाबत पटना व वैशाली डीएम को पत्र लिखा गया है.
साथ ही परिवहन विभाग और ट्रैफिक एसपी को भी ओवरलोडेड वाहन पर रोक लगाने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि राजेंद्र सेतु के चालू होने से गांधी सेतु पर वाहनों का दबाव कम होगा. सूत्र बताते हैं कि पथ निर्माण विभाग सेतु पर ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग सहित पटना, वैशाली व ट्रैफिक एसपी को इसके पहले भी पत्र लिख कर अनुरोध कर चुका है. इसके बावजूद सेतु पर ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन जारी है. सेतु पर स्लैब धंसने की वजह ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन ही है.
पटना : पिछले चार साल से राजेंद्र सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक हट सकता है. अगस्त में भारी वाहनों का परिचालन शुरू होने की संभावना है. विभागीय जानकारों के अनुसार राजेंद्र सेतु में एक्सपेंशन ज्वाइंट में आयी गड़बड़ी को दूर किया जा रहा है. इसके लिए गैप वाले भाग में ढलाई हो रही है. सेतु में 15 जगहों पर ढलाई का काम हो रहा है, जिसे अगस्त में पूरा होने की संभावना है. इसके बाद रेलवे द्वारा इसकी जांच की जायेगी.
रेलवे से अनुमति मिलने के बाद भारी वाहनों का परिचालन शुरू हो पायेगा. सेतु की मरम्मत का काम रेलवे करा रही है. गंगा नदी में हाथीदह के समीप 59 साल पुरानी रेल सह सड़क पुल राजेंद्र सेतु उत्तर व दक्षिण बिहार की लाइफलाइन है. दो किलोमीटर लंबा दो लेन के राजेंद्र सेतु पर अभी केवल हल्के वाहन का परिचालन हो रहा है. सेतु में गड़बड़ी आने के बाद वन वे व्यवस्था है.

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