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2564 छात्रों ने फ्री में दी इंटर की परीक्षा

वीआर कॉलेज की महिमा. बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन व परीक्षा शुल्क लिया ही नहीं, दो करोड़ का नुकसान पटना वीआर कॉलेज, कीरतपुर, वैशाली पर बिहार बोर्ड की मेहरबानी का एक और बड़ा खुलासा हुआ है. वर्ष 2015 और 2016 में परीक्षा में शामिल 2564 परीक्षार्थियों से बिहार बाेर्ड ने कोई शुल्क ही नहीं लिया है. इससे […]

वीआर कॉलेज की महिमा. बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन व परीक्षा शुल्क लिया ही नहीं, दो करोड़ का नुकसान
पटना वीआर कॉलेज, कीरतपुर, वैशाली पर बिहार बोर्ड की मेहरबानी का एक और बड़ा खुलासा हुआ है. वर्ष 2015 और 2016 में परीक्षा में शामिल 2564 परीक्षार्थियों से बिहार बाेर्ड ने कोई शुल्क ही नहीं लिया है. इससे बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दो करोड़ 564 हजार रुपये के राजस्व की हानि हुई है.
वर्ष 2015 में 1147 और 2016 में 1417 परीक्षार्थियों ने वीआर कॉलेज से इंटर की परीक्षा में शामिल हुए. इन परीक्षार्थी से न तो रजिस्ट्रेशन शुल्क और न ही परीक्षा शुल्क लिये गये. ज्ञात हो कि रजिस्ट्रेशन शुल्क के तौर पर 100 और परीक्षा शुल्क में 1000 रुपये प्रति छात्र लिये जाते हैं.
पूर्व बोर्ड अध्यक्ष ने शुल्क को कर दिया रफा-दफा : पूर्व बोर्ड अध्यक्ष ने बोर्ड एकाउंट में हेराफेरी करके वीआर कॉलेज के परीक्षार्थी के दोनों ही शुल्क को रफा-दफा कर दिया. समिति कर्मचारियों की मानें तो पहले रजिस्ट्रेशन और परीक्षा शुल्क समिति के पास सीधे जमा करवाये जाते थे.
2012 के बाद बैंक चालान का प्रावधान शुरू हुआ. इसके तहत स्कूलों और कॉलेजों से चालान के माध्यम से शुल्क लिये जाते हैं. स्कूल-कॉलेज शुल्क की राशि बैंक में जमा करते हैं, लेकिन जांच में बात सामने आयी है कि वीआर कॉलेज के नाम से कोई चालान ही नहीं बना है. जो भी परीक्षा फाॅर्म भरवाये गये, वे सीधे समिति के पास आ गये.
चालान की राशि को पूर्व अध्यक्ष ने माफ कर दिया.
पांच साल से नहीं हुआ है ऑडिट : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में सबसे अहम बात तो यह है कि बोर्ड को कितना राजस्व की प्राप्ति हुई है, उसका कोई हिसाब-किताब नहीं है. दरअसल पिछले पांच वर्षों से कोई आॅडिट ही नहीं किया गया है. समिति कर्मचारियों के अनुसार 2012 से अब तक समिति के इंटर और माध्यमिक प्रभाग का कोई ऑडिट नहीं हुआ है. यदि दोनों विभागों का ऑडिट करवाया जाये, तो कई गड़बड़ियां सामने आ जायेंगी.

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