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केंद्र का फैसला : 1742 करोड़ से गांधी सेतु को नया जीवन, 6000 करोड़ से नया पुल भी
पुनरुद्धार का काम 15 अगस्त से, ढाई साल में होगा पूरा नयी दिल्ली : उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु का पुनरुद्धार होगा. एनएच-19 पर 5.5 किमी लंबे इस पुल के क्षतिग्रस्त ढांचे (ऊपरी स्ट्रक्चर) को काटा जायेगा और नया स्ट्रक्चर बनाया जायेगा. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों […]
पुनरुद्धार का काम 15 अगस्त से, ढाई साल में होगा पूरा
नयी दिल्ली : उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु का पुनरुद्धार होगा. एनएच-19 पर 5.5 किमी लंबे इस पुल के क्षतिग्रस्त ढांचे (ऊपरी स्ट्रक्चर) को काटा जायेगा और नया स्ट्रक्चर बनाया जायेगा. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गांधी सेतु के पुनरुद्धार को मंजूरी दी. यह परियोजना इंजीनियरिंग, खरीद व निर्माण (इपीसी) मोड में होगी. इस पर 1742.01 करोड़ की लागत आने का अनुमान है.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 13 जुलाई तक निविदाएं हासिल की जायेंगीऔर 15 अगस्त से काम शुरू होगा. इस काम को 2.5 साल में पूरा कर लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि गांधी सेतु के समानांतर एक अन्य पुल का निर्माण किया जायेगा, जिस पर छह हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसकी डीपीआर तैयार करायी जा रही है. दिसंबर तक इसके काम को अंतिम स्वरूप दे दिया जायेगा. सेतु के पुनरुद्धार में आइआइटी का सहयोग लिया जायेगा. नये निर्माण के तहत सेतु के क्षतिग्रस्त ढांचे को ढाहा जायेगा. उसके बाद स्टील ट्रस के साथ इसकी री-डैकिंग की जायेगी. केंद्र सरकार का कहना है कि यह परियोजना यातायात, विशेषकर उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच चलनेवाले भारी यातायात के समय व लागत में कमी लाने के अलावा राज्य में बुनियादी ढांचे में सुधार की प्रक्रिया में तेजी लायेगी.
गंगा नदी पर बने गांधी सेतु का उदघाटन 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. सेतु का निर्माण गैमन इंडिया लिमिटेड ने कराया था. यह सेतु पिछले 16 वर्षों से क्षतिग्रस्त है.
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय और बिहार सरकार के प्रयास के बावजूद इसे दुरुस्त नहीं किया जा सका है. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की ओर से काफी अध्ययन के बाद अब यह तय किया गया कि इस पुल की मौजूदा ऊपरी संरचना को काट कर स्टील ट्रस के साथ इसकी री-डैकिंग की जाये.
इधर दो केंद्रीय मंत्रियों रविशंकर प्रसाद और रामविलास पासवान ने गडकरी से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि परियोजना की सख्त निगरानी की जानी चाहिए, ताकि धन का अन्यत्र उपयोग न हो पाये. पासवान ने गडकरी से परियोजना की निगरानी का नियंत्रण संभालने की अपील करते हुए कहा कि यह पुल बिहार सरकार के लिए धन बनाने का स्रोत बन गया है.
समानांतर बननेवाले नये पुल की डीपीआर िदसंबर तक हो जायेगी तैयार
ऊपरी स्ट्रक्चर बदलने का जायका ने िदया था सुझाव
जापानी एजेंसी जायका की टीम ने अक्तूबर व दिसंबर, 2014 में गांधी सेतु का निरीक्षण किया था. इसके बाद जायका की टीम ने इसका ऊपरी स्ट्रक्चर बदलने का सुझाव दिया था. उसने कंक्रीट के ऊपरी स्ट्रक्चर की जगह स्टील का स्ट्रक्चर बनाने की सलाह दी थी.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने की थी पुनर्निर्माण की घोषणा
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 29 मई, 2015 को गांधी सेतु के पुनर्निर्माण की घोषणा की थी. कहा था कि इसमें राशि की कमी नहीं होगी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इसको लेकर पत्र लिखने के बाद खुद गडकरी से मिल कर घोषणा पर अमल करने की मांग की थी.
गांधी सेतु के सभी पाये दुरुस्त : आइआइटी रूड़की
जायका की रिपोर्ट पर केंद्र ने सेतु के पायों की जांच आइआइटी रूड़की से कराने का निर्णय लिया. मई, 2016 में आइआइटी रूड़की की 10 सदस्यीय टीम ने सभी पायों का निरीक्षणकिया. आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञों का मानना है कि सेतु के पायों की स्थिति में कोई गड़बड़ी नहीं है.ऊपरी स्ट्रक्चर को बदल दिया जाये, तो यह वाहनों का दबाव झेलने में सक्षम है.
150 साल पुराना पुल ध्वस्त होने से भागलपुर में लगा महाजाम
नवगछिया (भागलपुर). कहलगांव के पास 150 साल पुराना मसाढू पुल ध्वस्त होने से भागलपुर जिले में मंगलवार से ही जाम लगा है. नवगछिया में नारायणपुर से लेकर रंगरा एनएच 31 राजमार्ग पर बुधवार को दूसरे दिन भी वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं. जाम को हटाने के लिए नवगछिया पुलिस प्रशासन की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गयी, लेकिन देर रात तक जाम की स्थिति यथावत थी. सुबह जाम की स्थिति काफी भयावह थी. रंगरा से नवगछिया तक वाहन टस से मस नहीं हो रहे थे.
1998 में गार्टर में दरार का मामला पहली बार सामने आया.
सेतु में लगाये गये स्लैब के अधिकतर हिंज बियरिंग टूटी हुई है.
जुलाई, 2011 से भारी वाहनों का परिचालन बंद
पाया संख्या 44 के स्पैन व झुके स्ट्रक्चर को काट दिया गया है.
पाया संख्या 46, 45 व 44 पर वाहनों का परिचालन बंद.
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