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नाबालिग हैं टॉपर, तो नाम कैसे सार्वजनिक
पटना. इंटर 2016 की परीक्षा में जिन छात्रों के नाम टॉपर घोटाले में आ रहा हैं, उन्हें नाम, उनके परिचय और उनकी फोटो को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सार्वजनिक कैसे किया. पिछले कुछ दिनों से बिहार में बच्चों के साथ जो हो रहा है, वह जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 का उल्लंघन है. इंटर 2016 […]
पटना. इंटर 2016 की परीक्षा में जिन छात्रों के नाम टॉपर घोटाले में आ रहा हैं, उन्हें नाम, उनके परिचय और उनकी फोटो को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सार्वजनिक कैसे किया. पिछले कुछ दिनों से बिहार में बच्चों के साथ जो हो रहा है, वह जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 का उल्लंघन है. इंटर 2016 के रिजल्ट के बाद जिन टाॅपरों के नाम उछाले गये हैं, उनके संबंध में बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार ने एक चिट्ठी भेजी है.
इसके आलोक में शिक्षा विभाग में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है. आयोग ने बाल अधिकार संरक्षण एक्ट 2005 की धारा 13 और 14 के अंतर्गत स्वत: संज्ञान में बिहार / 72769/ स्वत: संज्ञान/ नसीपीसीआर/2016-17/41846 के पत्रांक से बिहार बोर्ड को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि इस एक्ट के तहत बच्चे जुवेनाइल के अंतर्गत आते हैं. इस कारण इन्हें किसी भी तरह सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. इससे बच्चों के मस्तिष्क पर बुराअसर पड़ता है. इस पर समिति को ध्यान देना चाहिए. इसमें सजा होने पर छह माह का कारावास और 20 हजार का जुर्माना है.
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