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मैथिली में प्रेम मोहन व दीपनारायण को अकादमी पुरस्कार
पटना : वर्ष 2016 के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए विभिन्न भाषाओं की 24 पुस्तकों का चयन किया गया है, जबकि बाल साहित्य पुरस्कार के लिए 21 लेखकों को चुना गया है. अकादमी के अध्यक्ष प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में निर्णायक समिति ने नामों की घोषणा की. मैथिली में बाल साहित्य पुस्तक […]
पटना : वर्ष 2016 के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए विभिन्न भाषाओं की 24 पुस्तकों का चयन किया गया है, जबकि बाल साहित्य पुरस्कार के लिए 21 लेखकों को चुना गया है. अकादमी के अध्यक्ष प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में निर्णायक समिति ने नामों की घोषणा की. मैथिली में बाल साहित्य पुस्तक ‘भारत भाग्य विधाता’ के लिए प्रेम मोहन मिश्र व गजल संग्रह ‘ जे नहि कहि सकलहुं’ के लिए दीप नारायण विद्यार्थी का चयन किया गया है.
चयनित लेखकों को पुरस्कारस्वरूप 50 हजार रुपये और ताम्र-पत्र दिये जायेंगे. ललित नारायण मिथिला विवि में रसायनशास्त्र के प्रोफेसर डॉ प्रेम मोहन मिश्र मधुबनी जिले के झंझारपुर के लक्ष्मीपुर गांव के रहनेवाले हैं.
उन्होंने बताया कि बच्चों को वैज्ञानिकों की जीवनी से अवगत कराने के लिए पुस्तक लिखी है. इसमें कुल 26 वैज्ञानिकों की जीवनी है. आर्यभट से लेकर नये वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी दी गयी है. बच्चों के लिए यह मेरी पहली पुस्तक है. अब तक वह 29 पुस्तकें लिख चुके हैं. इनमें मैथिली के अलावा हिंदी व अंगेरजी में भी पुस्तकें हैं. मैथिली में उन्होंने रसायनशास्त्र की पुस्तक भी लिखी है.
गजल संग्रह ‘जे कहि नहिं सकलहुं’ मैथिली में दीप नारायण विद्यार्थी की पहली पुस्तक है. गजल संग्रह की यह पहली पुस्तक है, जिसे साहित्य अकादमी युवा साहित्य के लिए चुना गया है. मधुबनी जिले के बाबूबरही के भटचौरा निवासी दीपनारायण विद्यार्थी लोहनाटोल कबसिया में प्राइमरी स्कूल में नियोजित शिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार संपूर्ण मिथिलांचल के लिए है. इससे मैथिली गजल को राष्ट्रीय ख्याति मिली है.
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