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चार लाख 76 हजार पीएम आवास का मिला लक्ष्य
पटना : केंद्र सरकार ने बिहार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चार लाख 76 हजार आवास का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह आवास वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए आवंटित किये जायेंगे जो पिछले साल की तुलना में करीब दोगुना होगा. अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. यह निर्णय हुआ है कि इस […]
पटना : केंद्र सरकार ने बिहार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चार लाख 76 हजार आवास का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह आवास वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए आवंटित किये जायेंगे जो पिछले साल की तुलना में करीब दोगुना होगा. अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.
यह निर्णय हुआ है कि इस बार आवासों का आवंटन सामाजिक-आर्थिक व जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों के मापदंड़ों पर दी जायेगी. इस वित्तीय वर्ष से इंदिरा आवास योजना का नाम अब प्रधानमंत्री आवास योजना हो गया है. सूत्रों का कहना है कि 11-12 जून को दिल्ली में राज्यों के प्रधान सचिवों व सचिवों के साथ केंद्र सरकार ने प्रधामंत्री आवास योजना की समीक्षा की. बताया जा रहा है कि बिहार को तीन साल में 16 लाख 29 हजार 170 आवासों का निर्माण किया जाना है. आवासों के निर्माण के लिए अब केंद्र सरकार दो किस्तों में राशि देगी. प्रति आवास निर्माण के लिए एक लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे जबकि नक्सल प्रभावित जिलों में एक लाख 30 हजार दिया जायेगा.
इसके साथ ही अलग से 12 हजार की राशि शौचालय निर्माण के लिए दी जायेगी. आवास निर्माण में 90 मानव दिवसों की मजदूरी मनरेगा के तहत दी जायेगी जो करीब 16 हजार होगी. केंद्र सरकार ने आवास के निर्माण के लिए लाभुको का चयन कर मास्टर सीडी राज्य को सौंप देगी जिसमें पंचायत स्तर तक के लाभुकों की सूची शामिल होगी. पंचायतों की जिम्मेवारी है कि वह ग्रामसभा की बैठक कर प्रधानमंत्री आवास को पारित करे. इसके लिए पंचायतों को सात दिनों तक प्रधानमंत्री आवास को प्रचारित-प्रसारित करना है.
बैठक के बाद 15 दिनों तक नागरिकों को दावा-आपत्ति के लिए समय दिया जायेगा. दावा-आपत्ति के लिए बीडीओ के यहां आवेदन दिया जायेगा. यह प्रक्रिया एक माह में पूरी कर प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली राशि जारी कर दी जायेगी.
61 लाख आवासों की जरूरत
सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों के तीन पैमाने पर राज्य के आवास योजना का निर्धारण किया जाये तो राज्य में 61 लाख आवासों की आवश्यकता है. आवास देने में पहली प्राथमिकता आवासहीन परिवारों की होगी. दूसरी प्राथमिकता एक कमरा कच्चा व दो कमरा कच्चा. इस तीन पैमाने पर राज्य में 61 लाख आवासों की आवासों की आवश्यकता हैं.
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