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इस साल 2100 टोले में पहुंचेगा शुद्ध पानी

फ्लोराइड ग्रस्त 500 टोले में काम के लिए इस सप्ताह होगा कांट्रैक्टर का चयन पटना : राज्य सरकार के सात निश्चय में शामिल घर-घर पाइप से पानी देने की योजना तहत पहले साल फ्लोराइड प्रभावित 2100 टोले में पानी पहुंचाया जायेगा. इसके लिए पीएचइडी विभाग द्वारा फ्लोराइड प्रभावित इलाके का सर्वे करा कर डीपीआर तैयार […]

फ्लोराइड ग्रस्त 500 टोले में काम के लिए इस सप्ताह होगा कांट्रैक्टर का चयन
पटना : राज्य सरकार के सात निश्चय में शामिल घर-घर पाइप से पानी देने की योजना तहत पहले साल फ्लोराइड प्रभावित 2100 टोले में पानी पहुंचाया जायेगा. इसके लिए पीएचइडी विभाग द्वारा फ्लोराइड प्रभावित इलाके का सर्वे करा कर डीपीआर तैयार किया जा रहा है. पहले साल में इस योजना पर लगभग 800 करोड़ खर्च होगा.
विभाग द्वारा यह काम फेज वाइज होगा. पहले फेज में विभाग ने 500 टोले का सर्वे कर पाइप से पानी पहुंचाने के लिए टेंडर निकाला है. इस सप्ताह पाइप से पानी पहुंचाने के काम के लिए कांट्रैक्टर का चयन हो जायेगा.
500 टोले में शुद्ध पानी पहुंचाने पर 214 करोड़ तीन लाख 50 हजार खर्च होंगे. शेष 1600 टोले में विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है. इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी शुरू होगी. विभाग के जिम्मे दूषित पानी वाले इलाके में पाइप से घर-घर पानी पहुंचाना है.
योजना के तहत पहले साल में लगभग 2100 टोले के प्रत्येक घरों में शुद्ध पानी पहुंचाया जायेगा. पाइप से घरों में पानी पहुंचाने के लिए दूषित पानी वाले इलाके में पानी को ट्रीटमेंट कर पहले उसे शुद्ध किया जायेगा. इसके बाद घरों में पाइप से पानी पहुंचेगा. राज्य में 11 जिले फ्लोराइड प्रभावित इलाका है. इसमें कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नालंदा, शेखपुरा, जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर व नवादा शामिल है. फ्लोराइड प्रभावित टोले की संख्या लगभग 4157 है. विभाग ने पहले फेज में 500 टोले चिन्हित किया है.
विभाग पहले फेज में पांच ग्रूप में 500 टाेले को चिन्हित किया है. घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए सौर ऊर्जा चालित बोरिंग के साथ ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा. 500 टोले में पाइप से पानी पहुंचाने पर 214 करोड़ तीन लाख 50 हजार खर्च होंगे. फ्लोराइड प्रभावित इलाके के टोले में पाइप से घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए इस सप्ताह कांट्रैक्टर का चयन होगा. टेंडर में फाइनल कांट्रैक्टर के साथ विभाग की कागजी प्रक्रिया पूरी करने में लगभग एक माह समय लगेगा. अगस्त से कांट्रैक्टर द्वारा काम शुरू होगा. सफल कांट्रैक्टर को एक साल में काम पूरा करना है. साथ ही डिजायन, निर्माण, आपूर्ति व चालू करने के साथ पांच साल तक उसका रख-रखाव करना है.

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