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31 जिलों में नहीं मिल रहा है डिजिटाइज्ड नक्शा
हवाई फोटोग्राफी का काम 13 जिलों में नहीं हुआ पूरा राज्य में विशेष सर्वे के लिए हवाई फोटोग्राफी व जमीनी सत्यापन (इटीएस मशीन) कराया जाना था. इसके लिए मेसर्स आइआइसी टेक्नोलॉजी हैदराबाद, मेसर्स जीआइएस कंसोरसियन इंडिया प्राइवेट ल़ि व मेसर्स आइएल एंड एफएस ल़ि को अगल-अलग जिलों में हवाई फोटोग्राफी का काम मिला. वर्ष 2013 […]
हवाई फोटोग्राफी का काम 13 जिलों में नहीं हुआ पूरा
राज्य में विशेष सर्वे के लिए हवाई फोटोग्राफी व जमीनी सत्यापन (इटीएस मशीन) कराया जाना था.
इसके लिए मेसर्स आइआइसी टेक्नोलॉजी हैदराबाद, मेसर्स जीआइएस कंसोरसियन इंडिया प्राइवेट ल़ि व मेसर्स आइएल एंड एफएस ल़ि को अगल-अलग जिलों में हवाई फोटोग्राफी का काम मिला. वर्ष 2013 में शुरू हुई हवाई फोटोग्राफी में अभी तक 25 जिलों में हवाई फोटोग्राफी हुई है. 13 जिलों बेतिया, जमुई, नवादा, बांका, नालंदा, सारण, भागलपुर, मुंगेर, शेखपुरा, भोजपुर, बक्सर, पटना व मधुबनी में यह काम पूरा नहीं हुआ है.
अधिकारी सुरक्षा व माॅनसून के कारण हवाई फोटोग्राफी में देरी बता रहे हैं. हवाई फोटोग्राफी से तैयार मानचित्र का प्री प्रोसेस करने के बाद सुरक्षा जांच के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को भेजा जायेगा. डेटा की सुरक्षा जांच के बाद री सर्वे मानचित्र तैयार होगा. इसके लिए भी तीन साल वर्ष 2018 तक समय बढ़ाया गया है.
21 जिले में नहीं मिल रहा डिजिटाइज्ड नक्शा
सरकार ने सभी अंचल कार्यालय में लोगों को डिजिटाइज्ड नक्शा देने का निर्णय लिया था. 31 जिले में अब भी डिजिटाइज्ड नक्शा नहीं मिल रहा है. पटना सहित मात्र सात जिले पटना, नालंदा, मधेपुरा, भोजपुर, बक्सर, कैमूर व खगड़िया जिला के सदर अंचल से डिजिटाइज्ड नक्शा मिल रहा है. बाकी के 527 अंचलों में यह प्रक्रियाधीन है. लखीसराय, सहरसा, बेगूसराय, सुपौल व उदाकिशुनगंज में डिजिटाइज्ड नक्शा के लिए प्लौटर मशीन स्थापित है.
शेष जिलों के सदर अंचल कार्यालयों से दिसंबर तक डिजिटाइज्ड नक्शा उपलब्ध कराने की योजना है. सभी जिले के कैडस्ट्रल मानचित्रों का डिजिटाइजेशन काम पूरा हो गया है. राज्य में 28 जिले में रिविजिनल मानचित्रों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है.
दस्तावेज का सत्यापन नहीं
राज्य में अब भी 37 हजार 151 राजस्व गांव के जमीन का दस्तावेज का सत्यापन नहीं हुआ है. इन सारे दस्तावेजों को डाटा इंट्री काम संपन्न हुआ है. राज्य में कुल 45 हजार 782 राजस्व गांवों में 26 हजार 826 राजस्व गांव के जमीन दस्तावेज का डेटा कंप्यूटर में सत्यापन कराया गया है.
31 जिले में जमीन दस्तावेज का पूरी तरह से कंप्यूटाराइज्ड नहीं हुआ है. मात्र 17 जिले में जमीन दस्तावेज का कंप्यूटराइजेशन हुआ है. वैशाली, पटना, बेगूसराय, सारण,बेतिया व सुपौल में आंशिक काम हुआ है.
री-सर्वे मानचित्र तैयार करने के लिए हो रही हवाई फोटोगग्राफी का काम इस माह पूरा हो जायेगा. री-सर्वे मानचित्र तैयार करने की अवधि 2018 तक बढ़ायी गयी है. अंचलों में डिजिटाइज्ड नक्शा देने के लिए सात जिलों में व्यवस्था है. लखीसराय, सहरसा, बेगूसराय, सुपौल व मधेपुरा में प्लौटर मशीन स्थापित किया गया है. शेष जिले के सदर अंचल में दिसंबर 2016 में डिजिटाइज्ड नक्शा उपलब्ध कराने की योजना है. 17 जिलों में भू अभिलेख का कंप्यूटराइजेशन हो गया है. वैशाली, पटना, बेगूसराय, सारण, बेतिया व सुपौल में आंशिक काम हुआ है.
व्यास जी, राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव
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