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हाइवे पर मौत की ‘रफ्तार’
किलिंग जोन. अनिसाबाद से जीरो माइल के बीच दुर्घटनाओं में इजाफा बाइपास से जुड़े छह थानों की पुलिस भी दुर्घटनाओं को रोकने में फेल हो रही है विजय सिंह पटना : पटना न्यू बाइपास पर सफर खूनी होता जा रहा है. इस हाइवे पर मौत की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. बड़े वाहन के पहिये […]
किलिंग जोन. अनिसाबाद से जीरो माइल के बीच दुर्घटनाओं में इजाफा
बाइपास से जुड़े छह थानों की पुलिस भी दुर्घटनाओं को रोकने में फेल हो रही है
विजय सिंह
पटना : पटना न्यू बाइपास पर सफर खूनी होता जा रहा है. इस हाइवे पर मौत की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. बड़े वाहन के पहिये पैदल व बाइक सवार लोगों को रौंद रहे हैं, जबकि हाइवे के इलाके वाले पटना केे छह थाने दुर्घटना रोकने में असफल हैं. हाइवे का जाम, कड़ी धूप और जल्दी से अपनी मंजिल तक पहुंचने की होड़ में शामिल छोटे वाहन वाले राहगीरों पर बड़े वाहन वाले बेरहम हो रहे हैं. सड़क की टूटी पटरियां, गड्ढे और ध्वस्त ट्रैफिक संचालन हादसों के मुख्य कारण बन गये हैं.
जाम हटते ही मनमाने तरीके से निकलते हैं चालक : अनिसाबाद से जीरो-माइल तक न्यू बाइपास रोजाना जाम में उलझ रहा है, जबकि बेऊर, जक्कनपुर, रामकृष्णा नगर, बाइपास, पत्रकार नगर आदि थानों की पुलिस हाइवे को जाम मुक्त बनाने में असफल साबित हो रही है.
हालांकि जाम से निबटने को ट्रैफिक पुलिस के जवानों की तैनाती की तो गयी है, पर ट्रैफिक का संचालन ठीक ढंग से नहीं हाे पा रहा है. अक्सर जाम लगने के बाद पुलिस पहुंचती है और सड़क के बीच फंसे वाहनों को निकालने के बाद चली जाती है. जबकि, जाम छूटने के बाद वाहन चालक मनमाने तरीके से निकलने लगते हैं. इसी भागमभाग में हादसे हो रहे हैं. सही तौर पर पुलिस की वहां तब तक ड्यूटी लगनी चाहिए, जब तक ट्रैफिक पूरी तरह से स्मूथ न हो जाये.
सर्वाधिक स्कूल व अस्पताल हाइवे के किनारे : हाइवे के किनारे सर्वाधिक स्कूल और प्राइवेट अस्पताल मौजूद हैं. अस्पताल में इलाज के लिए ग्रामीण इलाकों से भारी संख्या में लोग आते हैं. इस दौरान सड़क क्रॉस करने के दौरान हादसे होते हैं. सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हाइवे पर बने कट के पास होती हैं. हाइवे पर कई जगह मनमाने ढंग से कट बन गये हैं. वहां से लोगों का अाना-जाना रहता है, लेकिन पुलिस उसे नहीं रोक पाती है. सबसे ज्यादा हादसे रामकृष्णा नगर मोड़ के पास होते हैं, पर पुलिस का कोई जोर नहीं है.
बेली रोड का न्यू ओवरब्रिज भी डेंजर जोन
बेली रोड का न्यू ओवरब्रिज भी डेंजर जोन बनता जा रहा है. यहां वाहनों की स्पीड तेज होने से लोग हादसे के शिकार हो रहे हैं. खास करके राोत में सफर करना इस ब्रिज पर खतरे से खाली नहीं है.
इसका प्रमाण हाल में हुई दुर्घटनाएं दे रही हैं. खास बात यह है कि इस ब्रिज पर न तो पुलिस की चौकसी है और न ही कोई ठोस प्रबंध. बात सिर्फ हादसे तक नहीं है, बल्कि लूट, छिनतई की घटनाएं भी पूरी साजिश के साथ यहां हो रही है. वहीं पुलिस सीमा विवाद में उलझी हुई है. करीब साढ़े तीन किलोमीटर के इस ब्रिज का कुछ हिस्सा शास्त्रीनगर में है, तो कुछ एयरपोर्ट इलाके में. अब सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा यह बड़ा सवाल है.
हाल में हुए हादसे
30 मई : नंदलाल छपरा के पास ट्रक ने दो छात्रों आर्दश सागर उर्फ चिंटू और आनंद उर्फ गौरव को रौंदा.
01 जून : पटना सेंट्रल स्कूल के पास न्यू बाइपास पर ट्रक ने मजदूर सिकंदर यादव को कुचला.
02 जून : नंदलाल छपरा के पास एसएसबी के जवान का 10 माह का पुत्र अक्षय की सड़क हादसे में मृत्यु हुई थी.
हाल के दिनों में हाइवे पर दुर्घटनाएं बढ़ी हैं. ओवरटेकिंग, स्पीडिंग, इसके मुख्य कारण सामने आये हैं. मई माह में पटना जिले में करीब 18 हादसे हुए हैं. इस संबंध में ट्रैफिक एसपी के साथ विचार विर्मश किया गया है.
मनु महाराज, एसएसपी पटना
मौत के वाहन
वाहन मौत
ट्रक ट्रेलर 752
एसयूबी 159
जीप 384
ट्रैक्टर 241
थ्री व्हीलर 322
टू व्हीलर 499
बस 534
देश में पांचवां स्थान
शहर मौत
दिल्ली 1866
चेन्नई 1401
बेंगलुरु 725
कानपुर 564
पटना 509
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