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कुछ लोगों को नहीं पच रहा बिहार का काम
सीएम बोले : किसी पद की इच्छा नहीं पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विपक्ष पर जम कर निशाना साधा . उन्होंने भाजपा का नाम लिये बगैर कहा कि बिहार में अच्छा काम हो रहा है, लेकिन कुछ लोगों को यह नजर नहीं आता है. कोई घटना घट जाये तो वे उसकी चर्चा […]
सीएम बोले : किसी पद की इच्छा नहीं
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विपक्ष पर जम कर निशाना साधा . उन्होंने भाजपा का नाम लिये बगैर कहा कि बिहार में अच्छा काम हो रहा है, लेकिन कुछ लोगों को यह नजर नहीं आता है. कोई घटना घट जाये तो वे उसकी चर्चा बार-बार करते हैं. इससे बिहार की छवि बिगड़ती है. वे यह नहीं देखते हैं कि बिहार की स्थिति बड़ी मुश्किल से सुधरी है.
ऐसे कुछ लोगों को बिहार का नाम, काम और यहां की शोहरत नहीं पचती है. मुख्यमंत्री सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार की जीवनी ” सुपर 30 आनंद की संघर्ष गाथा ” पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बोल ले रहे थे. रवींद्र भवन में आयोजित समारोह में सीएम ने कहा कि ऐसे ही कुछ लोगों को शराबबंदी भी खराब लगता है. शराबबंदी से अधिकतर लोग तो खुश हैं, लेकिन जो खुश नहीं हैं,वे पटखनी देने की कोशिश करते रहते हैं. हमलोग तो साधारण लोग हैं, मन में ख्वाइश भी नहीं रखते हैं. एक बार एमपी बनने की इच्छा जरूर रखे थे.
दो बार चुनाव हारने के बाद एमएलए बने, एमपी बने, केंद्र में मंत्री के बाद बिहार का मुख्यमंत्री बन गये. अब कुछ लोग दूसरी चीज (प्रधानमंत्री बनने के लिए) के लिए चर्चा कर रहे हैं और कहते हैं ऐसा बनना चाहते हैं, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है. ऐसी बातें कह-कह कर लोग चेहरा बिगाड़ना चाहते हैं, ताकि चेहरा इतना बिगड़ जाये कि हम बन ही नहीं सकें.
क्वालिटी एजुकेशन में आनंद का प्रयोग होगा कारगर
सीएम ने कहा कि शिक्षा का प्रबंध सब के लिए होना चाहिए. जब हम सरकार में आये थे तो 12.50 प्रतिशत बच्चे स्कूली शिक्षा से बाहर थे. सरकार ने काम किया. वर्तमान में 0.86 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल से बाहर रह गये हैं. बच्चे स्कूल में आ गये हैं और अब क्वालिटी एजुकेशन की बारी है. आनंद कुमार के प्रयोग से सीखना होगा. इसमें यह कारगर होगा.
शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका में ज्ञान ही पूंजी है. वहां भी एजुकेशन क्वालिटी पर चर्चा होती है. बिहार में भी बेहतर शिक्षा मिले यह प्रयास कर रहे हैं. बिहार में संस्थानों की कमी है और बच्चे बाहर पढ़ने जा रहे हैं. हमने सरकार के सात निश्चयों में इसका प्रावधान किया है. संस्थान खुल रहे हैं और दूसरे को भी प्रेरित करेंगे कि वे संस्थान खोलें.
सीएम ने कहा कि बिहार में पोशाक व साइकिल योजना ने लोगों के सोच व व्यवहार में परिवर्तन किया है. 2007 में जब साइकिल योजना शुरू हुई तो नौवीं में 1.70 लाख छात्रा थी, जिन्हें साइकिल दी गयी. वहीं वर्तमान में नौवीं क्लास में 8.50 लाख छात्राएं हैं. गांव-गांव का दृश्य बदला. कहा गया कि दुनिया के जिन इलाकों में शिक्षा पिछड़ी हुई है वहां साइकिल योजना कारगर होगी.
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