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20% पेट्रोल पंप पर हवा नहीं, 10% पर पानी नहीं
पड़ताल. 145 पेट्रोल पंपों पर बुनियादी सुविधाओं की जांच में खुलासा डीएम ने आमलोगों की शिकायत के बाद जिले के पेट्रोल पंपों पर मूलभूत सुविधाओं की जांच करायी थी. इसमें यह खुलासा हुआ कि पेट्रोल पंपों पर लोगों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं होती हैं. इसको लेकर नोटिस जारी किया गया है. रविशंकर उपाध्याय पटना […]
पड़ताल. 145 पेट्रोल पंपों पर बुनियादी सुविधाओं की जांच में खुलासा
डीएम ने आमलोगों की शिकायत के बाद जिले के पेट्रोल पंपों पर मूलभूत सुविधाओं की जांच करायी थी. इसमें यह खुलासा हुआ कि पेट्रोल पंपों पर लोगों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं होती हैं. इसको लेकर नोटिस जारी किया गया है.
रविशंकर उपाध्याय
पटना : पटना के पेट्रोल पंपों पर लोगों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं होती हैं. राजधानी सहित जिले के दूर दराज क्षेत्रों के करीब 20 फीसदी पेट्रोल पंपों पर फ्री एयर सर्विस यानी हवा भरने की सुविधा नहीं है. 15 प्रतिशत पंप परिसर बगैर शौचालय के हैं या फिर इस्तेमाल के लायक नहीं है.
10 प्रतिशत पर पीने का पानी नहीं दिया जाता और लगभग 15 प्रतिशत पंप पर यदि आप छोटे-मोटे दुर्घटना के बाद फर्स्ट एड बॉक्स के लिए पहुंचेंगे, तो निराशा हाथ लगेगी. लगभग आधे पंपों पर सुविधाओं की जानकारी से जुड़े साइनेज यानी सूचना पट्ट नहीं हैं. यह खुलासा पटना के 145 पेट्रोल पंपों की जांच के बाद हुआ है. इन सभी पर कार्रवाई के लिए पेट्रोलियम कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है.
मई के शुरुआती सप्ताह में हुई थी पेट्रोल पंपों की जांच
आठ टीमों ने की थी जांच, सभी को दिया था अल्टीमेटम
डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने आमलोगों की शिकायत के बाद मई के शुरुआती सप्ताह में पटना जिले के पेट्रोल पंपों पर मूलभूत सुविधाओं की जांच करायी थी. जिले के 163 पेट्रोल पंपों की जांच आठ प्रशासनिक धावा दलों को करनी थी, लेकिन शुरुआती दौर में 145 पंपों की जांच हुई है.
सभी धावा दलों में दो-दो मजिस्ट्रेट थे. इस टीम के साथ वीडियोग्राफर भी शामिल थे, जो हर गतिविधि को कैमरे में कैद कर रहे थे. इसके पहले 22 अप्रैल को सभी पेट्रोल पंप मालिकों को यह सूचना दे दी गयी थी कि वे बुनियादी सुविधा हर हाल में मुहैया करा दें. इसके बाद सभी पंपों की जांच शुरू की गयी थी.
तेल की क्वालिटी की नहीं होती जांच
मूलभूत सुविधाओं की जांच तो शुरू हुई है, लेकिन संचालक इसके अलावा भी ग्राहकों को कई सुविधाओं से वंचित रखते हैं. मसलन तेल की क्वालिटी और सही मात्रा में तेल देने की जांच कभी नहीं होती है.
जिला प्रशासन की जांच सूची में भी इसका जिक्र नहीं था. कई कंपनियां पेट्रोल जांच करने के लिए टेस्ट पेपर रखने का खूब प्रचार-प्रसार करती है, लेकिन राजधानी में ज्यादातर पंप पर यह टेस्ट पेपर नहीं मिलते. जबकि, इनकी जांच पर गाड़ियों की उम्र निर्भर करती है. साथ ही सही माप को लेकर अक्सर ग्राहकों को परेशानी होती है. यह शिकायत रही है कि कई पंप तेल देने में गड़बड़ी करते हैं.
मानकों के अनुसार व्यवस्था नहीं
जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में कई ऐसे पेट्राेल पंप मिले हैं, जहां मानकों के अनुसार व्यवस्था नहीं पायी गयी हैं. ऐसे सभी संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सभी कंपनियों के सर्किल ऑफिर और मुख्यालय को नोटिस जारी किया गया है.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना
क्या कहता है अधिनियम
मालूम हो कि पेट्रोल पंप लाइसेंस अधिनियम के तहत पंप परिसर में शौचालय, पेयजल, प्राथमिक
चिकित्सा किट की उपलब्धता अनिवार्य होती है. लोगों की शिकायत थी कि पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों के लिए शौचालय, पेयजल तथा प्राथमिक चिकित्सा किट जैसी मूलभूत सुविधा नहीं दी जा रही है. इस कारण से ग्राहकों को विशेष कर महिलाओं एवं बच्चों को काफी असुविधा हो रही है.
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