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सेंट्रल पूल से बढ़ेगा बिहार को बिजली का कोटा
दीपक कुमार मिश्रा पटना : बिहार को सेंट्रल पूल से बिजली का कोटा बढ़ सकता है. वर्तमान में राज्य को सेंट्रल पूल से 3003 मेगावाट बिजली आवंटित है. चालू वित्तीय वर्ष में राज्य को सेंट्रल पूल के आवंटन में 800 मेगावाट बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जबकि अगले साल 2017-18 में हजार मेगावाट की बढ़ोतरी […]
दीपक कुमार मिश्रा
पटना : बिहार को सेंट्रल पूल से बिजली का कोटा बढ़ सकता है. वर्तमान में राज्य को सेंट्रल पूल से 3003 मेगावाट बिजली आवंटित है. चालू वित्तीय वर्ष में राज्य को सेंट्रल पूल के आवंटन में 800 मेगावाट बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जबकि अगले साल 2017-18 में हजार मेगावाट की बढ़ोतरी होगी. अभी बिहार में 4000 मेगावाट की डिमांड है.
आपूर्ति औसतन 35 से 36 सौ मेगावाट हो रहा है. सूत्र बताते हैं कि बिहार को सेंट्रल पूल से आवंटित पूरी बिजली नहीं मिलती है. औसतन 22 से 24 सौ मेगावाट बिजली ही मिल पाती है. राज्य में लगातार बिजली की खपत बढ़ रही है. एेसे में राज्य को बाजार से बिजली खरीदना पड़ रहा है. एनटीपीसी की फरक्का, कहलगांव और बाढ़ इकाई में जब किसी कारण से उत्पादन कम होता है, तो सेंट्रल पूल से आपूर्ति कम हो जाती है.
बिहार विद्युत विनियामक आयोग के पास जब राज्य की बिजली कंपनियों ने अपना टैरिफ प्लान सौंपा था, तो आयोग ने बिजली कंपनियों से तीन साल यानी वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक का बिजनेस प्लान मांगा था .
कंपनियों ने प्लान सौंपा भी. विनियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के टैरिफ ऑर्डर में इस प्लान को शामिल किया. आयोग के टैरिफ ऑर्डर के अनुसार बिहार को चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में 5916.03 मेगावाट. वित्तीय वर्ष 2017-18 में 8071.73 और वित्तीय वर्ष 2018-19 में 10225.93 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी. इसी आदेश में इस बात की जानकारी दी गयी है कि बिहार को सेंट्रल पूल से कितनी बिजली मिलेगी. अपना उत्पादन कितना होगा. संयुक्त उपक्रम, बाजार और गैर पारंपरिक ऊर्जा से कितनी बिजली मिलेगी. सेंट्रल पूल से किस बिजली घर में बिहार का कितना कोटा होगा, इसकी भी जानकारी दी गयी है.
बिहार को मिलेगी बिजली (मेगावाट में)
वित्तीय वर्ष सेंट्रल पुल उत्पादन बाजार से संयुक्त उपक्रम गैर पारंपरिक
2016-17 3816.03 808 460 584 248
2017-18 4905.73 808 460 1500 398
2018-19 5066.93 928 960 2873 398
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