पटना: खनिज संसाधन के बेहतर विकास व उपयोग और अवैध उत्खनन पर लगाम लगाने के लिए बिहार राज्य खनिज निगम जल्द ही अस्तित्व में आ जायेगा. निगम के अस्तित्व में आने से राज्य की खनिज संपदा की बेहतर रखवाली और हर साल होनेवाले राजस्व नुकसान पर काबू पाया जा सकेगा. वर्ष 2014 में खनिज से कुल 641 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. केवल बालू के उत्खनन व उठाव के लिए ही 250 करोड़ रुपये का लक्ष्य है.
तैनात होगी टीम
खनन एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान के अनुसार, निगम के अस्तित्व में आने के बाद निगम के फिल्ड अधिकारियों व कर्मियों की टीम उन स्थानों पर तैनात होगी, जहां से खनिज संपदा का उत्खनन होता है.
फिलहाल विभाग में इन्फोर्समेंट का काम जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों द्वारा किया जा रहा है. श्री प्रधान के अनुसार विगत कुछ वर्षो में बालू, चूना पत्थर आदि का अवैध उत्खनन करनेवालों पर विभाग का शिकंजा कसा है. विगत वर्ष विभाग को सरकार से कुल 477 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य दिया गया था, जिसके विरुद्ध विभाग ने 500 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. केवल बालू के उत्खनन और उठाव से ही विभाग को 200 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. उन्होंने बताया कि बिहार में अब मुख्यत: तीन तरह के खनिजों का उत्खनन किया जा रहा है. इनमें बालू, पत्थर और कोयला शामिल है. कोयले का उत्खनन शुरू होने से पूर्व खनिज निगम अस्तित्व में आ जायेगा. हालांकि निगम के गठन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है और अगले सप्ताह भर के अंदर इसके निबंधन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जायेगी.
कसा शिकंजा
विगत दो वर्षो में अवैध उत्खनन करनेवालों पर प्रशासन के सहयोग से विभाग को बड़ी सफलता मिली है. 2011-12 में राज्य भर में कुल 592 छापेमारी की गयी थी, जिसमें 1049 प्राथमिकी दर्ज कर 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही अवैध उत्खनन करनेवालों से कुल 2.8 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि की वसूली दंड के रूप में की गयी. इसी तरह वर्ष 2012-13 के दौरान जिला प्रशासन के सहयोग से इस काम में और अधिक तेजी आयी. इस दौरान कुल 1912 छापेमारियां की गयीं, जिसमें 633 प्राथमिकी दर्ज की गयी है. विगत साल अवैध खनन के आरोप में 84 लोगों को गिरफ्तार को किया गया और उनसे 4.18 करोड़ की वसूली हुई है.