पटना : महागंठबंधन में मचे घमासान पर पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि महागंठबंधन में जो कुछ चल रहा है वह राज्य के विकास के लिए ठीक नहीं है. आश्चर्य की बात यह है कि सरकार में भी यही हैं और विपक्ष में भी यही बने रहना चाहते हैं.
पहले हम जब कुछ कहते थे तो उन्हें लगता था कि मांझी बहुत सवाल खड़ा करता है और अब तो उनके ही लोग सवाल पूछ रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिम्मत है तो अपने लोगों के सवाल का जवाब दे दें. अपने आवास पर उन्होंने कहा कि राज्य में पहले दलितों पर, फिर महिलाओं पर, उसके बाद व्यवसायी, चिकित्सकों पर और अब हालात यहां तक पहुंच गये है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को भी अपराधी अपना शिकार बना रहे हैं. इसके बाद भी महागंठबंधन के नेता कहते हैं कि बिहार में सुशासन है. अगर लोगों की हत्या होना, महिलाओं के साथ दुष्कर्म होना और दलित उत्पीड़न होना ही सुशासन है तो फिर मुख्यमंत्री बताएं कि दुशासन किसे करते हैं.
जीतन राम मांझी ने छात्रवृत्ति की राशि में कटौती पर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार दलित छात्रों से शिक्षा का अधिकार छिनना चाहते हैं. इसमें सबसे आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े मामले पर लालू प्रसाद भी खामोश हैं. प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृशिण पटेल, राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. दानिश रिजवान, प्रवक्ता अनामिका पासवान व प्रवक्ता विजय यादव मौजूद थे.