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कांग्रेस : दिल्ली में जुट रहे दावेदार
पटना : महागंठबंधन में कांग्रेस को अपने सहयोगी दलों की मदद से विधान परिषद के लिए एक सीट मिल सकती है. एक सीट के लिए दर्जन भर कांग्रेसी नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिल कर अपना […]
पटना : महागंठबंधन में कांग्रेस को अपने सहयोगी दलों की मदद से विधान परिषद के लिए एक सीट मिल सकती है. एक सीट के लिए दर्जन भर कांग्रेसी नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.
उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिल कर अपना मंतव्य दे चुके हैं. उस पर अखिल भारतीय कांग्रेस चुनाव कमेटी को निर्णय लेना है. कमेटी की 25 व 26 मई को दिल्ली में बैठक होगी. इसमें राज्यसभा के अलावा बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र व यूपी में विधान परिषद के लिए उम्मीदवार के चयन पर निर्णय होना है. राज्य सभा व विधान परिषद में एक-एक सदस्य के चयन के लिए 41 व 31 विधायक की आवश्यकता है. कांग्रेस के पास मात्र 27 विधायक हैं. विधान परिषद के लिए कांग्रेस को अपने विधायकों के अलावा चार विधायक की जरूरत पड़ेगी.
जबकि राज्य सभा के लिए 14 विधायक और चाहिए. विधान परिषद के लिए अतिरिक्त चार विधायक मिलना आसान समझा जा रहा है. कांग्रेस को अपने महागंठबंधन दलों से सहयोग मिलने की उम्मीद है. इस हिसाब से कांग्रेस से एक विधान पार्षद बनने की संभावना है.
सूत्र के अनुसार कांग्रेस हाइकमान ने विधान परिषद के बदले राज्य सभा में एक सदस्य बनाये जाने के लिए महागंठबंधन दलों पर दवाब बनाने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को कह रखा है. विधान परिषद के लिए जातीय समीकरण के आधार पर नेता के चयन पर विचार होगा. जानकारों के अनुसार अल्पसंख्यक या सवर्ण काेटे से विधान पार्षद बनाये जाने की दावेदारी अधिक हो रही है. अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर दर्जन भर नेता दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं.
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