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क्यों नहीं बनते ‘ताजमहल’

* भवन ऐसे बनें, जो सैकड़ों वर्ष तक टिकें : मुख्यमंत्रीपटना : मेरी इच्छा है कि बिहार में भी सिगनेचर व ग्रीन बिल्डिंग बनें. भवन ऐसे बनें, जो सैकड़ों वर्ष तक तो टिके ही, देश-दुनिया के लोग उन्हें देखें और सराहें. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एसके मेमोरियल हॉल में इंडियन बिल्डिंग […]

* भवन ऐसे बनें, जो सैकड़ों वर्ष तक टिकें : मुख्यमंत्री
पटना : मेरी इच्छा है कि बिहार में भी सिगनेचर व ग्रीन बिल्डिंग बनें. भवन ऐसे बनें, जो सैकड़ों वर्ष तक तो टिके ही, देश-दुनिया के लोग उन्हें देखें और सराहें. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एसके मेमोरियल हॉल में इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा, ताजमहल दुनिया भर के लिए दर्शनीय है. आज वैसे भवन क्यों नहीं बन रहे? बिहार की एनडीए सरकार ने इस दिशा में काम शुरू किया है.

सचिवालय व विधानसभा के बीच बची जगह पर इमारत बनायी जा रही है. कोशिश है कि यह भी पुराने विधानसभा भवन की तरह दर्शनीय हो. गया व राजगीर में पुलिस और प्रशासनिक भवन, पटना में इंटरनेशनल म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर, ज्ञान भवन व सभ्यता द्वार का निर्माण कराया जा रहा है.

गांधी मैदान में बापू की भव्य प्रतिमा लगायी गयी है. जल्द ही गांधी मैदान के सौंदर्यीकरण का भी काम होगा. एक दिन पहले कैबिनेट ने दो मेडिकल कॉलेज भवनों के निर्माण की मंजूरी दी है. ये भवन ग्रीन बिल्डिंग के मानक के आधार पर बनेंगे. उन्होंने कहा, केंद्र में कृषि मंत्री रहते उन्हें भूकंप की त्रसदी का कटु अनुभव रहा है. तब गुजरात के भुज में भूकंप आया था.

तब अधिकारियों ने बताया था कि यदि इस तरह का भूकंप पटना में हुआ होता, तो कम-से-कम पांच लाख लोग मरते. पटना में भूकंपरोधी मकान बने, इस मोरचे पर काम हुआ ही नहीं. बिहार जोन चार व पांच में है. यहां कभी भी भूकंप आ सकता है.

* सुरक्षात्मक भवनों का निर्माण जरूरी
भवन निर्माण मंत्री दामोदर राउत ने कहा कि भवन निर्माण विभाग गुणवत्तापूर्ण भवनों का निर्माण कराने को कृत संकल्पित है. बिहार में आधुनिक तकनीक से सुरक्षात्मक भवनों के निर्माण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के इस सम्मेलन का लाभ बिहार को मिलेगा. भवन निर्माण विभाग के सचिव चंचल कुमार ने कहा कि सम्मेलन में 11 राज्यों के 500 प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं. समारोह को इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के संस्थापक अध्यक्ष ओपी गोयल व राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद ने भी संबोधित किया.

* जल्द बनेगी बिल्डिंग मेंटेनेंस पॉलिसी : मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए शासन में बिहार में भवन निर्माण में 237 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 2008-09 में सीमेंट की बिक्री से 250, जबकि 2012 में 800 करोड़ का टैक्स प्राप्त हुआ है. लोहा-छड़ की बिक्री से 2008-09 में 70, जबकि 2012 में 237 करोड़ का टैक्स हासिल हुआ है. उन्होंने भी सिगनेचर बिल्डिंग न बनने पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने सड़क मेंटेनेंस पॉलिसी बनायी है. जल्द ही बिल्डिंग मेंटेनेंस पॉलिसी भी बनायी जायेगी. उन्होंने कहा कि देश में ले-दे-कर दो हजार ग्रीन बिल्डिंग ही बने हैं. ऐसे भवनों में 40 से 50 प्रतिशत ऊर्जा, जबकि 30 से 40 प्रतिशत पानी की बचत हो रही है. बिहार में भी ग्रीन बिल्डिंगों का निर्माण होना चाहिए.

* ड्रेनेज का पुनपुन की तरफ हो विस्तार
पटना : सीवरेज सिस्टम यदि दुरुस्त नहीं हुए, तो अत्याधुनिक तकनीक से मकान बनाने का कोई फायदा नहीं. ‘ड्रेनेज सिस्टम इन अरबन एरिया इन बिहार’ पर सेमिनार में प्रो संतोष कुमार ने कहा कि पटना में पांच दशकों से ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त है.

भूमिगत पाइप लाइन व बिजली-टेलीफोन लाइन की समय-समय पर खुदाई होने के कारण जलनिकासी की रही-सही व्यवस्था भी धराशायी हो गयी है. फंड की कमी के कारण जलनिकासी की योजना को ग्रहण लगता रहा है. विश्वेश्वरैया इंस्टीट्यूट के निदेशक दीपक बागची ने कहा कि गंगा एक्शन प्लान पर 800 करोड़ खर्च हुए, किंतु वह भी फेल साबित हुआ. नयी कॉलोनियों में मकान तो बने, किंतु ड्रेनज नहीं. नतीजा, हल्की बारिश में भी शहर में जलजमाव हो जाता है.

प्रो एके गोसाई ने कहा कि पुराने ड्रनेज में चौकिंग बड़ी समस्या है. इस समस्या दूर करने के लिए नयी तकनीक आ गयी है, सुरेंद्र शेखर सिन्हा ने कहा पटना को जलजमाव से मुक्त कराने के लिए पुराने ड्रेनेज का पुनपुन की तरफ विस्तार किया जाना चाहिए. इसका प्लान भी मुख्यमंत्री को समर्पित किया है. सुजाता हिंगोरानी ने कहा कि भवन निर्माण के पहले ड्रेनेज निर्माण पर मंथन होना चाहिए. लेकिन, लोगों को चिंता तब होती है, जब जलजमाव झेलना पड़ता है.

* मुख्यमंत्री का सिगनेचर व ग्रीन बिल्डिंग निर्माण पर जोर
* भूकंपरोधी मकान बनाने में रुचि लें लोग
* इंडियन रोड कांग्रेस शुरू, 11 राज्यों के 500 प्रतिनिधि आये

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