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अत्याचार का अंत करने को अवतरित हुए कृष्ण
भागवत कथा. महंत सुरेश चंद्र शास्त्री जी महाराज ने बताया कृष्ण अवतार का उद्देश्य भागवत कथा के पांचवें दिन भी उमड़ी भक्तों की भीड़ फुलवारीशरीफ : भागवत कथा के पांचवें दिन बुधवार को नारायण नगर के बाल्मीचक स्थित राम प्यारे सिंह उत्सव हॉल में पटना के राजापुर पुल के श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर के महंत सुरेश […]
भागवत कथा. महंत सुरेश चंद्र शास्त्री जी महाराज ने बताया कृष्ण अवतार का उद्देश्य
भागवत कथा के पांचवें दिन भी उमड़ी भक्तों की भीड़
फुलवारीशरीफ : भागवत कथा के पांचवें दिन बुधवार को नारायण नगर के बाल्मीचक स्थित राम प्यारे सिंह उत्सव हॉल में पटना के राजापुर पुल के श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर के महंत सुरेश चंद्र शास्त्री जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि जो मानव भाग्यशाली होते हैं, वही भगवान के उत्सव में शामिल होते हैं. कथा सुनने आये श्रद्धालुओं से महाराज ने कहा कि गीता के सार को आत्मसात करके कलियुग के प्रभाव से मुक्ति दिला कर युवाओं की ताकत को सही रास्ते पर लाया जा सकता है. उन्होंने आज की युवा पीढ़ी को सद्गुणों और सद् विचारों पर अमल करने का आह्वान किया.
महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था, यह महज संयोग नहीं था . प्रभु कृष्ण का जन्म और उनकी बाल लीला काल में कई अधर्मी राक्षसी दैत्यों का संहार हुआ. गोकुल और वृंदावन की प्रजा के कल्याण के लिए ईश्वर ने राजा कंस की बहन देवकी के गर्भ से जन्म लेकर अवतरित हुए.
भगवान श्री कृष्ण जी ने माखन चुराने की लीला पूर्ण करने के लिए गोकुल के सभी नौजवानों को एकत्रित किया़ उन्होने देखा कि कंस एक आततायी , अत्याचारी, नृशंस राजा है, जो माखन युवाओं के पोषण हेतु उपलब्ध होना चाहिए , वह कंस कर (टैक्स) के रूप में हड़प रहा है . नया गणतंत्र बनाने के लिए नौजवानों को संग लिया . वह जानते थे की युवा में अद्भुत शक्ति समाहित होती है.
असंभव कार्य को संभव करना युवाओं को ही आता है . जब-जब समाज का कायाकल्प करने के लिए नौजवान आगे बढ़े, तब समाज ने नूतन परिवर्तन आ पाया.
संकट चाहे सीमाओं का हो या राजनैतिक, इस निवारण के लिए युवक-युवतियों ने बढ़ -चढ़ कर भाग लिया है. राजा कंस को इश्वरीय आकाशवाणी में सुनाई दी थी कि तुम्हारा वध तुम्हारी बहन के गर्भ से जन्मा आठवां पुत्र ही करेगा . महाराज ने कहा कलियुग का प्रभाव है कि आज युवा पथ भ्रष्ट हो रहा है.
नशाखोरी, अश्लीलता, चरित्रहीनता आदि व्यसन उसके जीवन मे आ चुके हैं. श्रीमद्भगवत गीता युवकों का आह्वान करती है की ब्रह्म ज्ञान को प्राप्त कर अपनी ऊर्जा को पहचानो. अर्जुन जैसा नवयुवक आत्मज्ञान को प्राप्त कर अपनी शक्ति को पहचान पाया.
उन्होंने प्रभु की बाल लीलालों को प्रस्तुत किया. नटखट बाल गोपाल
की मिट्टी खानेवाली लीला का वर्णन किया. दाऊ की शिकायत करने पर यशोदा मैया ने कन्हैया का मुख खुलवा लिया. मां क्या जानती थीं कि नन्हें से लल्ला के मुख में सारा ब्रह्मांड समाया हुआ है. कार्यक्रम में मुख्य यजमान विनोद कुमार, सुदर्शन सिंह , अरविंद कुमार , शैलेंद्र कुमार , राकेश कुमार , गुड्डू यादव आदि सक्रिय थे.
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