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पैसों के अभाव में युवाओं का न कौशल विकास, न रोजगार
पटना : दिल्ली से लेकर पटना तक की सरकारें कौशल विकास पर खासा जोर दे रही है, लेकिन धन के अभाव में राज्य में अनुसूचित जाति के हजारों लोगों को रोजगारपरक ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही है. इतना ही नहीं, जिनको ट्रेनिंग मिल चुकी है, उन्हें रोजगार के लिए पैसा नहीं मिल पा रहा है. […]
पटना : दिल्ली से लेकर पटना तक की सरकारें कौशल विकास पर खासा जोर दे रही है, लेकिन धन के अभाव में राज्य में अनुसूचित जाति के हजारों लोगों को रोजगारपरक ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही है. इतना ही नहीं, जिनको ट्रेनिंग मिल चुकी है, उन्हें रोजगार के लिए पैसा नहीं मिल पा रहा है. राज्य सरकार एनएसएफडीसी को ब्लाक गारंटी नहीं दे रही है, इसलिए वह राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम ( अजाविनि) को धन उपलब्ध नहीं करा रहा है.
इसी की वजह से यह परेशानी हुई है. अजाविनि अनुसूचित जाति के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कौशल विकास करता है, साथ ही स्वरोजगार के लिए ऋण भी देता है. 1978 में स्थापित इस संस्था की वित्तीय स्थिति हाल के वर्षों में चरमरायी है. बताया जाता है कि बिहार ही एकमात्र एेसा राज्य है, जो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम (अजाविनि) को ब्लाक गारंटी नहीं दी है.
अगर राज्य सरकार गारंटी दे तो वह अजाविनि को ऋण उपलब्ध करा देगा. जानकारी के अनुसार अजाविनि की ओर से राज्य में 10 हजार अनुसूचित जाति के लोगों को कंप्यूटर, सिलाई, मोटर ट्रेनिंग, हार्डवेयर सहित अन्य ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया गया था, ताकि ये लोग अपना काम कर सके. हर साल तीन हजार लोगों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था है, पिछले दो साल से ट्रेनिंग का काम बंद है. पिछले तीन साल से ये लोग ऋण का इंतजार कर रहे हैं. अजाविनि के पास पैसा ही नहीं है. जानकारों का कहना है कि महादलित मिशन के गठन के बाद अजाविनि पर राज्य सरकार कम ध्यान दे रही है. अजाविनि खासकर सफाई कर्मचारियों के परिवार को रोजगार के लिए भी ऋण व अनुदान देता है. सफाई कर्मचारियों के परिवार को ऑटो, ट्रैक्टर, दुकान आदि खोलने के लिए एक से छह प्रतिशन ब्याज की दर पर ऋण देता है.
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