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सच्चाई छुपा रही सरकार : रामकृपाल

केंद्र की राशि खर्च नहीं करने का लगाया आरोप पटना : केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि सूखे की स्थिति पर सरकार गंभीर नहीं है. सरकार सच्चाई छुपा रही है. राज्य की जनता को पेयजल संकट से निबटने के लिए छोड़ कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार […]

केंद्र की राशि खर्च नहीं करने का लगाया आरोप
पटना : केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि सूखे की स्थिति पर सरकार गंभीर नहीं है. सरकार सच्चाई छुपा रही है. राज्य की जनता को पेयजल संकट से निबटने के लिए छोड़ कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम बनने की होड़ में अन्य राज्यों का दौरा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य के कई इलाके में पेयजल संकट से लोग परेशान हैं. पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पानी की किल्लत है. घर-घर पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है.
इसके बावजूद चापाकल गाड़ने की योजना बंद करा कर लोगों को पानी की समस्या झेलने के लिए छोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि देश भर में 13 राज्यों में 11 राज्यों ने सूखा क्षेत्र घोषित किया. बिहार व हरियाणा ने पूरी तरह सूखा घोषित नहीं किया गया है. बिहार सरकार ने मात्र 19 जिले के 160 गांव के 350 टोले में पानी की समस्या होने की सूचना दी है. इससे लगता है कि सरकार सच्चाई छुपा रही है.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि सूखे से निबटने के लिए केंद्र ने 13 राज्यों में 1937 करोड़ राशि उपलब्ध करायी है. इसमें राज्यों को 50 फीसदी हिस्सेदारी मिलाना है. राज्यों को मिलनेवाली राशि में 25 फीसदी में 10 फीसदी फ्लैक्सी फंड व 15 फीसदी राशि मेंटेनेंस में खर्च कर पेयजल संकट दूर कर सकती है. बिहार सरकार के पास पहले से 115़ 27 करोड़ बचा है. इसके अलावा केंद्र सरकार से इस वित्तीय साल में 45़ 93 करोड़ दिया गया है.
बिहार सरकार के पास कुल 161़ 2 करोड़ राशि पेयजल संकट मद में खर्च करने के लिए है.केंद्र सरकार से मिली राशि भी सरकार खर्च नहीं कर रही है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी पेयजल संकट को लेकर खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सूखा ग्रस्त क्षेत्र से बिना किसी तरह का उपयाेगिता प्रमाण पत्र आये बगैर 13 मई तक 1100 करोड़ राशि भेजी जायेगी. इसमें बिहार की हिस्सेदारी लगभग 40 से 50 करोड़ मिलेगी. बिना किसी भेदभाव के केंद्र हर संभव मदद करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि राज्य को खुद योजना बना कर पेयजल संकट दूर करने के लिए अपने दायित्व का निर्वहन करना है.

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