पटना : नगर विकास विभाग ने अधिवक्ताओं के पैनल में शामिल एचएस हिमकर को पारिश्रमिक का भुगतान अपने वेतन से करने का आदेश नगर आयुक्त को दिया है.
शुरू से ही विवाद : हिमकर को पैनल में शामिल करने के कुछ ही माह बाद विवाद खड़ा हो गया था और उन्हें पैनल से हटाने के प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूरी दे दी थी.
इसके बाद भी नगर आयुक्त ने नहीं हटाया. इसके बाद स्थायी समिति से पारित प्रस्ताव पर निगम बोर्ड की भी मुहर लग गयी.
इसके बावजूद हिमकर कार्यरत रहे. यही नहीं, नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने पिछले साल 22 दिसंबर को नगर विकास विभाग को पत्र लिख कर हिमकर के पारिश्रमिक के भुगतान को लेकर दिशा निर्देश मांगा था.
इस पत्र के जवाब में विभाग के अवर सचिव ने कहा कि निगम की स्थायी समिति व निगम बोर्ड से हटाने की स्वीकृति मिल गयी, तो प्रस्ताव विचार करने योग्य ही नहीं है. उन्हें हटाने की मंजूरी के बाद भी नगर आयुक्त ने काम लिया, तो अपने वेतन से पारिश्रमिक का भुगतान करें.
करीब एक लाख बकाया : हिमकर को एक मामले के लिए एक हजार मिलते हैं. वे प्रति माह 32-50 केसों में शामिल होते हैं. इससे उन्हें प्रति माह 32 से 50 हजार का भुगतान किया जाता है.
निगम अधिकारी ने बताया कि वे पिछले तीन माह में कितने केसों की एपियरेंस में शामिल हुए है, इसकी गणना नहीं की गयी है, लेकिन पिछले भुगतान के अनुसार तीन माह में करीब एक लाख रुपये का भुगतान करना बकाया होगा.