पटना : बिहार, जहां पिछले एक अप्रैल से शराबबंदी लागू है, करीब 54 प्रतिशत आबादी तंबाकू का सेवन करती है. पटना में तंबाकू नियंत्रण को लेकर आज आयोजित एक कार्यालय को संबोधित करते हुए बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि वैश्विक व्यस्क तंबाकू सर्वेक्षण (गैट्स 2010) के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 53:5 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें 66.2 प्रतिशत पुरुष एवं 40.1 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने बताया कि देश में हर साल तंबाकू जनित रोगों से करीब 12 लाख लोगों की मृत्यु होती है.
श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति का गठन किया गया है और उसकी बैठक गत 21 अप्रैल को संपन्न हुई थी, जिसमें इसकी रोकथाम के लिये आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से जारी तंबाकू नियंत्रण अभियान के दौरान 3000 लोगों से जुर्माना वसूला गया है.
उन्होंने बताया कि तंबाकू नियंत्रण के लिए पहली प्राथमिकता के रुप में प्रदेश के कुल 38 जिलों में से 19 जिलों को विशेष हस्तक्षेप किये जाने वाले जिलों के तौर पर चिन्हित किया गया है और इन सभी जिलों में विशेष नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी गयी है. उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर दस जिलों में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया है.
श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के 15 जिलों में तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ गठित किया गया है तथा 14 जिलों में तंबाकू निरोधी दस्ता का गठन किया गया है, जिनकी जिम्मेदारी सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) को लागू करवाना है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग के सहयोग से 63 हजार मतदान केंद्र धूम्रपान मुक्त घोषित कियेगये थे.
उन्होंने बताया कि बिहार में सात जिलों लखीसराय, मधेपुरा, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, कटिहार और दरभंगा को धूम्रपान मुक्त घोषित किया गया है. सभी तंबाकू उत्पादों के पैकेट के 85 प्रतिशत हिस्से पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी के बिना बेचे जाने वाले तंबाकू उत्पादों के बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है.