पटना : बिहार में शराबबंदी लागू किये जाने के बाद से जिला स्तर पर संचालित डी. एडिक्शन सेंटर्स में अबतक शराब की लत वाले कुल 3,029 व्यक्ति चिकित्सकीय परामर्श के लिए ओपीडी पहुंचे, जिनमें से 432 मरीज भर्ती हैं तथा 329 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.
स्वास्थ्य विभाग के सचिव तथा बिहार स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में शराबबंदी लागू होने के बाद से राज्य के विभिन्न अस्पतालों में संचालित 39 डी. एडिक्शन सेंटर्स में कल तक शराब की लत वाले कुल 3,029 व्यक्ति चिकित्सकीय परामर्श के लिए ओपीडी पहुंचे, जिनमें से 432 भर्ती हैं तथा 329 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है.
उन्होंने इन डी. एडिक्शन सेंटर्स में इलाज के लिए शराब की लत वाले लाये गये लोगों में से पांच की मौत की बात को गलत ठहराते हुए कहा कि मीडिया में जिन पांच लोगों के मरने की खबर आयी है उनमें से दो को चिंताजनक स्थिति में अस्पताल लाया गया था. दोनों की मौत अंतिम समय में लाये जाने के कारण हुई. जबकि एक, जिसे समय पर लाया गया था, ने डी. एडिक्शन के उपखर के दौरान दम तोड़ दिया.
श्रीवास्तव ने बताया कि दो अन्य लोगों की मौत शराब की लत से होने वाली बीमारियों के कारण नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि उनकी मौत उनके परिजनों द्वारा पिछले कुछ समय से शराब का भी सेवन किए जाने की बात बताए जाने पर उनका गलत डायगनोसिस होने के कारण हुयी. उन्हें मूल बीमारी वाले वार्ड के बजाए डी. एडिक्शन सेंटर्स में भर्ती करवा दिये जाना भी उनकी मौत का कारण हो सकता है.