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मुझे कोई गोली भी मार दे तो कोई एतराज नहीं : सीएम
जनता दरबार. एक युवक के चप्पल उछालने पर बोले सीएम लोगों के हित की बात करना गुनाह है, तो सजा को तैयार अपने जनता दरबार में चप्पल उछालने की घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चप्पल क्या, अगर कोई मुझे गोली भी मार दे, तो भी मुझे एतराज नहीं होगा. पटना : […]
जनता दरबार. एक युवक के चप्पल उछालने पर बोले सीएम
लोगों के हित की बात करना गुनाह है, तो सजा को तैयार
अपने जनता दरबार में चप्पल उछालने की घटना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चप्पल क्या, अगर कोई मुझे गोली भी मार दे, तो भी मुझे एतराज नहीं होगा.
पटना : सोमवार को जनता के दरबार कार्यक्रम में एक युवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चप्पल उछाल दी. चप्पल मुख्यमंत्री की छाती के नीचे लगी. घटना के बाद युवक को हिरासत में ले लिया गया. आरोपित युवक का नाम भी नीतीश कुमार है और वह अरवल जिले के पलासी थाने चकिया गांव का है. वह आइटीआइ का छात्र है. उसके पिता का नाम संजय शर्मा है. मुख्यमंत्री ने चप्पल उछालने की घटना का प्रेस काॅन्फ्रेंस में जिक्र करते हुए कहा कि एक युवक ने चप्पल फेंक दी. मुझे इस पर कोई एतराज नहीं है. मैंने डीजीपी से कहा है कि उसे छोड़ दिया जाये.
चप्पल क्या, मुझे कोई गोली भी मार दे, तो उस पर मुकदमा न किया जाये. लोगों के हित की बात करना अगर गुनाह है, तो किसी भी सजा के लिए मैं तैयार हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जनता की समस्याओं को देख रहा था कि अचानक एक चप्पल लगी. चप्पल गंदी थी और उसका दाग भी लग गया. सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और दूर हटाने लगे, तो मैं उसे बैठाया और उसकी समस्या पूछी, तो उसने कहा कि सुबह नौ बजे के बाद हवन पर क्यों रोक लगवा दी हैं?
यह तो हिंदू धर्म के खिलाफ है. मैंने बताया, पटना प्रमंडल की समीक्षा बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गयी. जिस प्रकार तापमान लगातार बढ़ रहा है और चिनगारी से कैसे अगलगी की घटनाएं घट रही हैं, उसकी पूरी समीक्षा की गयी और कारण व उपाय पर विचार किया गया. इसके बाद निर्णय लिया गया कि सुबह नौ बजे से पहले खाना बना लिया जाये व हवन कर लिया जाये और अगर ये सब बाद में ही कर रहे हैं, तो पूरी व्यवस्था रखी जाये कि आपात स्थिति से निबटा जा सके. यह हमारा दायित्व है. केवल रिलीफ बांटने हमारा काम नहीं है. यह किसी के धार्मिक अधिकार पर हमला नहीं है और न ही हमें किसी से अपने हिंदू होने का सर्टिफिकेट लेने की जरूरत है.
नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों को मिस इंटरप्रेटेशन किया जा रहा है. ऐसी व्याख्या होगी, तो सरकार में थोड़े बैठे रहेंगे, सरकार काम करेगी ही. हम कोई नौकरी करने के लिए नहीं आये हैं. जनता ने मैंडेड दिया है, तो नौकरी नहीं न करेंगे, काम करेंगे ना. जो अच्छी चीज होगी, वह लोगों को बतायेंगे. यह गुनाह है क्या? इससे कहीं किसी को समस्या नहीं है. जनता को भी मालूम है कि कहनेवाले की नीयत क्या है? पाबंदी उन्हीं चीजों पर लगायेंगे, जो गलत है. जैसे शराब पर पाबंदी लगा रहे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमें फूलों की सेज पर बैठने के लिए नहीं सत्ता नहीं दी गयी है. यह कांटों का ताज है और उसी आधार पर इसे ग्रहण भी किया है. लोगों को सचेत करना मेरी ड्यूरी है, मेरा फर्ज है. हमारी सोनेवाली गवर्नेंस नहीं है. सचेत नहीं करेंगे, तो यह सही नहीं है. वह युवक कौन था और उसने ऐसा क्यों किया, यह तो जांच के बाद पता चलेगा.
मोदी के जनता दरबार में भी किया था हंगामा
पटना : सीएम पर चप्पल उछालने वाला युवक ने पिछले मंगलवार को भाजपा नेता सुशील मोदी के जनता दरबार में भी हंगामा िकया था. प्रेस काॅन्फ्रेंस के समय वह प्ले कार्ड लेकर हंगामा कर रहा था और आरएसएस का प्रचारक बनाने की मांग कर रहा था.
उसकी बातों पर जब कोई तरजीह नहीं दे रहा था तो वह कैमरा के सामने जानबूझ कर आ गया और अपनी बाते कहने लगा था. उसके बाद उसे वहां से हटाया गया था.
नेपाल से आया आमंत्रण विदेश मंत्रालय को भेजा
नेपाल के आमंत्रण पर मुख्यंमत्री ने कहा कि उसे विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है. नेपाल गये थे, तो वहां के पीएम से िमले थे. उन्होंने आमंत्रण दिया था. बाद में फिर आमंत्रण आया. उसे उचित परामर्श के लिए विदेश मंत्रालय में भेज दिया गया है. विदेश का मामला है, इसमें व्यक्तिगत निर्णय तो लेना नहीं है.
आज की जरूरत है गैर भाजपा दलों की एकजुटता
नीतीश कुमार ने कहा कि गैर भाजपा दलों की एकजुटता आज की राजनीतिक आवश्यकता है और हम यह कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, केंद्र सरकार जो कर रही है, वह लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है. असहिष्णुता बढ़ी हुई है. केंद्र की नीतियों, कार्यकलापों से जो दल सहमत नहीं हैं, उन्हें एकजुट होना चाहिए. हम शरद पवार के बयान का स्वागत करते हैं.
तालमेल, एकता, एलायंस हो और यथासंभव एकता की ओर बढ़ना चाहिए. सीपीआइ ने भी साफ कर दिया है कि कोई भी एकता प्रोग्राम बेस्ड होनी चाहिए. नीतियों के बारे में स्पष्टता होनी चाहिए. राष्ट्रीय लोकदल व जदयू के विलय पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इनिसिएटिव अजीत सिंह का ही था. इस पर जवाब वे ही देंगे. विलय कोई चाहे तो भी सहज और आसान नहीं है.
पार्टी चाहे तो भी प्रक्रिया लंबी है. पहले तो चाहत की बात है. मन बने, जो भी मैक्सिमम पोसिबल यूनिट है, चाहे वह एलायंस हो या विलय या फिर अंडर स्टैंडिंग, इसके प्रयासरत हैं और आगे भी करते रहेंगे.
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