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बिहटा स्टेशन पर लगे सहजानंद की मूर्ति
बिहटा स्वामी सहजानंद की कर्मभूमि थी पटना : केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को पत्र लिख कर बिहटा रेलवे स्टेशन पर सवामी सहजानंद की आदमकद प्रतिमा लगाये जााने की मांग की है. रेल राज्य मंत्री को लिखे पत्र रामकृपाल यादव ने कहा कि स्वामी सहजानंद […]
बिहटा स्वामी सहजानंद की कर्मभूमि थी
पटना : केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को पत्र लिख कर बिहटा रेलवे स्टेशन पर सवामी सहजानंद की आदमकद प्रतिमा लगाये जााने की मांग की है.
रेल राज्य मंत्री को लिखे पत्र रामकृपाल यादव ने कहा कि
स्वामी सहजानंद सरस्वती बुद्धिजीवी, लेखक, समाज सुधारक, क्रांतिकारी और महान किसान नेता थे. स्वामी जी ने किसान को भगवान का दर्जा दिया. वे जमींदारी प्रथा के खिलाफ थे तथा इसके लिए उन्होंने किसानों को इकट्ठा किया और अखिल भारत किसान सभा का गठन कर जमींदारी प्रथा के खिलाफ आंदोलन शुरू किया.
पटना जिला का बिहटा क्षेत्र उनकी कर्मभूमि का मुख्य केंद्र था और यहां उन्होंने एक आश्रम भी बनाया. उनके जीवन का ज्यादातर समय बिहटा में गुजरा. रामकृपाल यादव ने कहा कि इस ऐतिहासिक पुरुष के साथ बिहटा के लोगों का काफी भावनात्मक जुड़ाव रहा है.
वहां के नागरिकों ने मांग की है कि उनकी प्रतिमा बिहटा रेलवे स्टेशन के परिसर में स्थापित की जाये. मूर्ति निर्माण का व्यय स्थानीय जनता वहन करेगी. इसको लेकर जहानाबाद के सांसद और स्वामी सहजानंद सरस्वती फाउंडेशन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने भी प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया है.
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