अगर ऐसी बात है, तो किसी बच्चे का जन्म ही पृथ्वी पर नहीं हो. हम सोचे, वह मां किस डिप्रेशन में नौ माह रहती है कि उसके पेट में पलनेवाला बच्चा कैसा होगा. कहीं उसे कोई परेशानी तो नहीं हो जाये, तो हर मां को यही करना चाहिए. ये बातें रविववार को गायत्री शक्तिपीठ, कंकड़बाग के 34वें दो दिवसीय वार्षिकोत्सव समारोह के पहले दिन आयोजित स्ट्रेस मैनेजमेंट पर गोष्ठी में आये मुख्य अतिथि वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक ब्रहावर्चस शोध संस्थान (हरिद्वार) के डॉ अमल कुमार दत्ता ने कहीं.
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गायत्री शक्तिपीठ कंकड़बाग: परीक्षा दिये बिना कोई कैसे होगा पास या फेल
पटना: जब कोई परीक्षा में शामिल ही नहीं होगा, तो उसे पास-फेल होने का क्या एहसास होगा. युवाओं में आत्महत्या की लत बढ़ गयी है, जब परिवार व आसपास के लोगों के पूछा जाता है कि लड़के ने आत्महत्या क्यों की, तो एक साथ सभी लोग बोलते हैं, लड़का काफी समय से डिप्रेशन में था. […]
पटना: जब कोई परीक्षा में शामिल ही नहीं होगा, तो उसे पास-फेल होने का क्या एहसास होगा. युवाओं में आत्महत्या की लत बढ़ गयी है, जब परिवार व आसपास के लोगों के पूछा जाता है कि लड़के ने आत्महत्या क्यों की, तो एक साथ सभी लोग बोलते हैं, लड़का काफी समय से डिप्रेशन में था.
आत्महत्या करनेवाले स्ट्रेन में चले जाते हैं
उन्होंने कहा कि स्ट्रेस में सभी है. लेकिन, आत्महत्या करनेवाले स्ट्रेन में चले जाते हैं, जहां उनको लगता है कि मेरे आसपास केई नहीं है. अगर आत्महत्या करनेवाले के दिमाग में एक भी व्यक्ति का सुंदर चित्र रहेगा, तो वह खुद की जान नहीं ले सकता है. क्योंकि जब तक कोई तनाव में नहीं रहेगा, आगे नहीं बढ़ेगा.
ये भी हुए शामिल
गोष्ठी में डीजी होमगार्ड पीएन राय, सहायक पुलिस महानिरीक्षक ट्रेनिंग विकास वैभव, कैंसर चिकित्सक डॉ जेके सिंह, बिहार संस्कृत बोर्ड के चेयरमैन दुर्गेश कुमार राय सहित राजधानी के कई न्यायाधीश व वकील शामिल थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीडी पांडेय, डॉ अशोक कुमार, अरविंद कुमार, विजय कुमार शर्मा मौजूद थे.
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