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प्राइवेट प्रैक्टिस वाले डॉक्टर होंगे निलंबित
पटना : इंदिरा गांधी में नौकरी कर बाहर निजी सेवा देकर पैसा कमानेवाले डॉक्टरों को अब निलंबित किया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद शासी निकाय में भी प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन बोर्ड में उन डॉक्टरों के नाम पर चर्चा नहीं हुई, जो बाहर में खुलेआम निजी […]
पटना : इंदिरा गांधी में नौकरी कर बाहर निजी सेवा देकर पैसा कमानेवाले डॉक्टरों को अब निलंबित किया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद शासी निकाय में भी प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन बोर्ड में उन डॉक्टरों के नाम पर चर्चा नहीं हुई, जो बाहर में खुलेआम निजी प्रैक्टिस करते हैं.
जबकि, उसकी जानकारी बोर्ड के सदस्य, निदेशक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी है. वे भी वहां मरीजों को इलाज कराने के लिए भेजते हैं, लेकिन एक बार फिर संस्थान निदेशक ने ऐसे डॉक्टरों को पकड़ने के लिए एक कमेटी बनाने के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है और निजी सेवा करनेवालों की एक सूची भी तैयार कर दी गयी है. अधिकारियों के मुताबिक उस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद तुरंत जांच कमेटी संबंधित क्लिनिकों पर छापेमारी शुरू कर देगी. पकड़े गये डॉक्टरों को निलंबित कर उनसे एनपीए भी वसूला जायेगा.
यह है नियम : आइजीआइएमएस में नौकरी करनेवाले डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसनल एलाउंस दिया जाता है. उनके लिए परिसर में रहने की पूर्ण व्यवस्था की जाती है. जब वह ज्वाइन करते हैं, तो उसी समय उनसे यह बांड भी भरवाया जाता है कि यहां के अलावा वह निजी रूप में कहीं सेवा नहीं देंगे, वरना पकड़े जाने पर कार्रवाई करने का पूर्ण अधिकार संस्थान का होगा. यह नियम एम्स, दिल्ली का है और आइजीआइएमएस में लागू सभी नियम एम्स के हैं.
एक साल पहले विभागीय टीम ने एक साथ छह डॉक्टरों के यहां छापेमारी की थी, जहां पर कुछ डॉक्टर मिले थे और बाकी डॉक्टरों की पुष्टि हो गयी थी कि वे यहां अपना क्लिनिक चलाते हैं. उस वक्त स्वास्थ्य विभाग के मंत्री रामधनी सिंह थे, जिन्होंने उन डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी.
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