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नगर विकास मंत्री ने निगम से मांगा हिसाब

पीत पत्र लिख कर दो वर्षों में तैयार योजनाओं की मांगी रिपोर्ट पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग का शिकंजा पटना नगर निगम पर कसता जा रहा है. इस मामले में नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी अब सख्त हो गये हैं. राजधानी पटना में जनता की सेवाओं के विकास की गति नहीं पकड़ने को […]

पीत पत्र लिख कर दो वर्षों में तैयार योजनाओं की मांगी रिपोर्ट
पटना : नगर विकास एवं आवास विभाग का शिकंजा पटना नगर निगम पर कसता जा रहा है. इस मामले में नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी अब सख्त हो गये हैं. राजधानी पटना में जनता की सेवाओं के विकास की गति नहीं पकड़ने को लेकर वे खुद इसका हिसाब मांग रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने पटना नगर निगम को पीत पत्र लिखा है. उन्होंने आधिकारिक रूप से जानकारी मांगी है कि पटना नगर निगम में कितनी योजनाओं के लिए कितनी डीपीआर तैयार करायी गयी है. तैयार डीपीआर पर क्या पहल हुई.
अगर डीपीआर पर पहल नहीं हुई, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेवार हैं? जनता की राशि डीपीआर तैयार करने पर बेकार क्यों की गयी?
सरकार के लिए पटना नगर निगम सिरदर्द से कम साबित नहीं हो रहा है. वर्षों तक मेयर-आयुक्त विवाद को लेकर राजधानी का विकास ठप रहा. शहर में गंदगी का निस्तार नहीं हो रहा है. सरकार द्वारा सात निश्चय की योजनाओं को जमीन पर उतारना कठिन लग रहा है. पेय जल को लेकर आये दिन समस्या हो रही है. ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर, गरीबों के लिए आवास निर्माण, स्लम बस्तियों की योजनाओं का जमीन पर उतारने को लेकर योजनाएं तो बनी पर अब तक अमल में नहीं आयी हैं.
हाल में संपन्न हुए बजट सत्र में भी पटना नगर निगम को लेकर पूछे गये सवालों पर सरकार के कान खड़े हो गये हैं. नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने इन सभी को देखते हुए पटना नगर निगम को पीत पत्र लिख कर सभी योजनाओं की जानकारी मांगी है.
कचरा कलेक्शन पर लग सकता है ग्रहण
पटना. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को लेकर निगम प्रशासन निजी एजेंसी चयनित करनेवाला है.इसको लेकर दो टेंडर भी निकाला गया है. साथ ही ट्रैक्टर की जगह 155 छोटे वाहनों व हाथ ठेला गाड़ी भी खरीदा जाना है. लेकिन, अब नगर आयुक्त जय सिंह का ट्रांसफर हो गया है और नये नगर आयुक्त के रूप में शीर्षत कपिल अशोक पदभार ग्रहण करेंगे. नये नगर आयुक्त के आने के बाद डोर-टू-डोर कचरा उठाव पर ग्रहण लगने की संभावना है.
निगम प्रशासन ने बुडको के माध्यम से 155 छोटे वाहन खरीदनेवाला है. इसको लेकर बुडको प्रशासन ने स्थायी समिति व निगम प्रशासन को डेमो भी दिखाया है. लेकिन, चयनित एजेंसी को वर्क ऑर्डर नहीं दिया गया है. अब नये नगर आयुक्त कब चयनित एजेंसी को वर्क ऑर्डर देंगे और कैसे खरीदारी सुनिश्चित करेंगे. इसको लेकर निगम में मंथन शुरू हो गया है. इसका कारण बुडको व नगर निगम में अधिकारियों का ट्रांसफर है.

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