पटना: पीएमसीएच में हॉर्न बजाने वालों पर जुर्माना लगेगा. शुरुआत सोमवार से हो गयी है. आज कई एंबुलेंस को चेतावनी देकर परिसर से बाहर किया गया. मुख्य द्वार पर ही बाहरी गाड़ियों को रोकने की रणनीति बनायी जा रही है,ताकि परिसर में गाड़ियों का आवागमन कम हो सके.
बाहरी गाड़ियों की पार्किग के लिए जगह चिह्न्ति की जायेगी. परिसर में अस्पताल से जुड़े चिकित्सक व कर्मचारियों की गाड़ी आयेगी. नियमों को सख्ती से लागू किया जायेगा कि वे परिसर में बिना कारण हॉर्न नहीं बजाये. बाहरी गाड़ियों को मुख्य द्वार से बाहर ही लौटा दिया जायेगा. चेकिंग प्वाइंट पर गाड़ियों की चेकिंग सख्ती से होगी. प्वाइंट पर एक्स आर्मी मैन तैनात होंगे. बाहरी गाड़ियों के आने से परिसर में जाम रहता है. कुछ समय से परिसर में प्राइवेट ऑटो व एंबुलेंस भी आ जाते हैं और वहीं से सवारी उठाने लगते हैं. इस कारण भी परेशानी होती है. जुर्माना की राशि दीवारों पर लिखी जायेगी. संभवत: राशि तीन सौ तक हो सकती है.
एम्स पटना में 123 तरह की जांच शुरू
पटना एम्स में सोमवार से पीपीपी मोड में 123 तरह की पैथोलॉजी जांच शुरू हो गयी है. इसका उद्घाटन निदेशक डॉ जीके सिंह ने किया. उन्होंने बताया कि लैब में मरीजों का सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ सर्विस ) से 27 प्रतिशत कम में जांच की जायेगी. इसके लिए ट्रेंड पैथोलॉजिस्ट, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ को नियुक्ति की जा रही है. हाल के दिनों में जेनरल सजर्री के साथ सभी विभागों में ओपीडी शुरू किया गया है.
इसका फायदा मरीजों को मिल रहा है. मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए हर विभाग को तेजी से विकसित किया जा रहा है, ताकि मरीजों को इलाज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो.
चिकित्सक व कर्मियों पर रहेगी नजर
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर पीएमसीएच प्रशासन ने फीड बैक फॉर्म तैयार किया है. इसके जरिये चिकित्सकों के इवनिंग राउंड, नर्स व कर्मचारियों की कार्यशैली पर विशेष नजर रहेगी. अधीक्षक डॉ अमर कांत झा अमर के नेतृत्व में एक टीम बनी है, जिसमें उपाधीक्षक डॉ आरके सिंह, डॉ विमल कारक, डॉ सुधांशु सिंह एवं डॉ सीएम झा हैं. टीम कभी भी किसी वार्ड में जाकर मरीजों को फॉर्म देगी और मरीज या उनके परिजनों को यह भरना होगा कि कौन से चिकित्सक राउंड पर आये. भरती होने के बाद से वार्ड में किस तरह की परेशानी हो रही है. चिकित्सक शाम छह से आठ बजे तक इवनिंग राउंड पर रहेंगे. इसके पहले सभी वार्ड में फॉर्म दिया जायेगा,ताकि परिजन फॉर्म पर अपनी बात लिख सके. राउंड का समय खत्म होने के बाद टीम फॉर्म लेगी. जो मरीज या उनके परिजन फॉर्म भरने में असमर्थ हैं उनका फॉर्म संबंधित पदाधिकारी व कर्मचारी को भरना होगा. अगर फॉर्म व मरीज की बात में अंतर होगा, तो उस वक्त फॉर्म लेने वाले पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी.
‘ चिकित्सक इवनिंग राउंड पर नहीं आते हैं. ऐसी जानकारी मिली है. व्यवस्था को ठीक करने के लिए विभाग ने निर्देश दिया था, जिसका पालन मंगलवार से शुरू हो जायेगा. फॉर्म को मरीज भरेंगे और इसे विभाग को रेफर कर दिया जायेगा. जिनके खिलाफ शिकायत होगी, उनपर कार्रवाई होगी.
डॉ अमर कांत झा अमर, अधीक्षक.