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पंचायतों के खर्चों का हिसाब लेगी सरकार, फिर देगी राशि

पटना : राज्य सरकार सभी पंचायतों और स्थानीय नगर निकायों (यूएलबी) का अलग से ऑडिट करायेगी. इसकी जिम्मेवारी वित्त विभाग को सौंपी गयी है. विभाग ने इस काम को प्रभावी ढंग से करने के लिए एक अलग से ‘डायरेक्टरेट ऑफ लोकल फंड ऑडिट’ का गठन किया गया है. इसमें निदेशक प्रमुख को हेड बनाया गया […]

पटना : राज्य सरकार सभी पंचायतों और स्थानीय नगर निकायों (यूएलबी) का अलग से ऑडिट करायेगी. इसकी जिम्मेवारी वित्त विभाग को सौंपी गयी है. विभाग ने इस काम को प्रभावी ढंग से करने के लिए एक अलग से ‘डायरेक्टरेट ऑफ लोकल फंड ऑडिट’ का गठन किया गया है.
इसमें निदेशक प्रमुख को हेड बनाया गया है. प्रत्येक वर्ष यह निदेशालय सभी पंचायतों और यूएलबी का ऑडिट करेगा. ऑडिट की रिपोर्ट आने के बाद ही इन निकायों को राशि का आवंटन किया जायेगा. इस रिपोर्ट को लोक लेखा समिति के समझ प्रस्तुत किया जायेगा. इसके बाद इसे विधान मंडल में भी प्रस्तुत किया जायेगा. यह निदेशालय ऑडिट की तमाम प्रक्रिया महालेखाकार की देखरेख में ही करेगा.
निकायों के ऑडिट के निरीक्षण की जिम्मेवारी महालेखाकार की देखरेख में होगी. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत सभी 8,434 पंचायतों और करीब 650 नगर निकायों में पिछले कुछ वर्षों में राशि का आवंटन बढ़ने के साथ-साथ खर्च करने की रफ्तार भी काफी बढ़ी है. पिछले कुछ सालों में राज्य सरकार की तरफ से इन्हें मिलने वाले आवंटन में भी 20-22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
इसके अलावा 14वें वित्त आयोग और केंद्र से भी कई स्तर पर इन्हें आवंटन मिलता है. इन निकायों में आवंटन बढ़ने से इनमें टेंडर समेत अन्य स्तर पर खर्च का तौर-तरीका भी काफी बढ़ा है. खर्च करने की क्षमता बढ़ने के साथ ही बड़े स्तर पर अनियमितता की शिकायतें भी मिलने लगी हैं. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने पंचायत स्तरीय निकायों का ऑडिट अलग से कराने का फैसला लिया है.

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