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प्रदेश में स्काइ ट्रेन चलाने की पहल
सुविधा : नाइटशेड ग्लोबल इन्फ्रा की टीम ने नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी से की मुलाकात पटना : राजधानी पटना को दूरस्थ शहरों से पांच घंटे में पहुंचना मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल हैं. इसी के तहत सुगम यातायात के रूप में स्काइ ट्रेन लाभदायक हो सकती है. नगर विकास एवं आवास […]
सुविधा : नाइटशेड ग्लोबल इन्फ्रा की टीम ने नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी से की मुलाकात
पटना : राजधानी पटना को दूरस्थ शहरों से पांच घंटे में पहुंचना मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल हैं. इसी के तहत सुगम यातायात के रूप में स्काइ ट्रेन लाभदायक हो सकती है.
नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने बिहार में स्काइ ट्रेन की संभावना को लेकर सोमवार को नाइटशेड ग्लोबल इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों से वार्ता की. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय में राजधानी पटना को दूरस्थ शहरों से पांच घंटे में पहुंचना शामिल हैं. मुख्यमंत्री के इस निश्चय को दो घंटे में सुनिश्चित कराने के लिए सुगम यातायात के रूप में स्काइ ट्रेन लाभदायक हो सकती है.
नगर विकास मंत्री ने बताया कि नासा द्वारा विकसित आधुनिकतम तकनीक के जरिये सार्वजनिक परिवहन सेवा के रूप में स्काइ ट्रेन का निर्माण किया गया है. स्काइ ट्रेन में छोटी-छोटी कारनुमा बोगियां होती हैं.
यह 18-30 फीट की ऊंचाई पर स्टील पोल के सहारे, मैग्नेटिक लेवीटेशन से चलती है. इसकी क्षमता एक दिशा में अधिकतम प्रति घंटा 48 हजार यात्रियों को ढोने की है. इसमें न्यूनतम बिजली की खपत व भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी. स्काइ ट्रेन की अधिकतम गति सीमा 140-160 किलोमीटर प्रति घंटा शहर के अंदर, जबकि एक शहर से दूसरे शहर में 240-260 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी.
उन्होंने बताया कि यात्री परिवहन के रूप में नासा द्वारा विकसित स्काइ ट्रेन को एक क्रांतिकारी कदम के रूप में स्वीकार किया गया है. यह पूरे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए पहला ऐसा मॉडल होगा. यह पीपीपी मोड पर संचालित होगा. यह नासा द्वारा विकसित एवं गूगल के अध्यक्ष एरिक स्मिथ के इनोवेशन एंडोवर की वित्तीय साझेदारी में है.
इस मौके पर उपस्थित नाइटशेड ग्लोबल इन्फ्रा के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एके प्रभात रंजन ने बताया कि केंद्र सरकार जिस हाइ स्पीड ट्रेन की बात कर रही है, उसकी लागत व निर्माण अवधि में स्काइ ट्रेन किफायती है. हाइ स्पीड ट्रेन के निर्माण में पांच-छह वर्ष लगेंगे, जबकि स्काइ ट्रेन तीन-चार माह में प्रति किलोमीटर से बनाया जा किया जा सकता है.
इसके निर्माण पर 90-100 करोड़ प्रति किलोमीटर होगी, जबकि, मेट्रो की लागत करीब 10 हजार करोड़ प्रति किलोमीटर होगी. इस पर मेंटनेंस मात्र पांच प्रतिशत होगा. प्रतिनिधिमंडल में कंपनी के ग्लोबल हेड बिजनेस डेवलपमेंट राज गौरव के अलावा रणधीर कुमार, मुकेश कुमार,साकेत बिहारी सिन्हा, कृष्ण मोहन तिवारी व मीडिया प्रभारी श्रवण कुमार शामिल थे.
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