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डॉक्टर अनट्रेंड, कैसे उतरे नशा
असुविधा. राजधानी के इकलौते नशा मुक्ति केंद्र में नर्स और डॉक्टर की कमी, एक भी इंजक्शन नहीं आनंद तिवारी पटना : शराबियों को नशे से मुक्त करने व उनको स्वस्थ रखने के उद्देश्य से खोले गये एनएमसीएच के नशा मुक्ति केंद्र में पीड़ितों को सही तरीके से इलाज नहीं मिल पा रही है. इसका सबसे […]
असुविधा. राजधानी के इकलौते नशा मुक्ति केंद्र में नर्स और डॉक्टर की कमी, एक भी इंजक्शन नहीं
आनंद तिवारी
पटना : शराबियों को नशे से मुक्त करने व उनको स्वस्थ रखने के उद्देश्य से खोले गये एनएमसीएच के नशा मुक्ति केंद्र में पीड़ितों को सही तरीके से इलाज नहीं मिल पा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण अस्पताल में अनट्रेंड डॉक्टरों व कर्मिंयों की कमी है. प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं होने के कारण नशे की लत छुड़ाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं गंभीर स्थिति में भरती मरीजों को देखने के लिए स्टाफ नर्सों की भी भारी कमी है.
नतीजन स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य यहां पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है. इधर शनिवार को दस मरीज उपचार के लिए ओपीडी में आये. इनमें तीन हैं.
एक ट्रेंड डॉक्टर, बाकी अनट्रेंड : नशा मुक्ति केंद्र में नोडल अधिकारी डॉ संतोष कुमार को छोड़ यहां कोई भी डॉक्टर ट्रेंड नहीं है. अस्थायी तौर पर यहां सिर्फ दो डॉक्टरों को ही लगाया गया है. बाकी एमबीबीएस के छात्र व जूनियर डॉक्टर लगाये गये हैं. जिनको ट्रेनिंग भी नहीं दी गयी है. जबकि 10 बेडों के इस अस्पताल में रोजाना 15 से 20 शराब से पीड़ित मरीज आ रहे हैं.
मरीजों काे नहीं मिल रहीं दवा और सूई
नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों को दवा व सूई भी नहीं मिल पा रही है. अस्पताल सूत्रों की मानें, तो यहां किसी भी हालत में 20 प्रकार की दवाइयां होनी चाहिये. लेकिन, वर्तमान में सिर्फ आठ प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं. मरीजों को नीद आने व घबराहट के लिए दी जानेवाली लोराजे व हैलोटोरडाल इंजेक्शन यहां नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ रहा है.
मरीजों की पीड़ा
मेरा बेटा दो दिन से भरती है. लेकिन, इसको पानी चढ़ाने वाला तक नहीं है, जब डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह कम स्टाफ होने की बात कहते हैं. रात को मेरे बेटे को घबराहट होती है. दवा व इंजेक्शन भी यहां नहीं है. -सर्वानंद पांडे, मरीज के पिता
शराब पीने से मुझे हेड इंज्यूरी हो गयी. नशा मुक्ति केंद्र के ओपीडी में भरती किया गया है. नोडल अधिकारी तो मुझे अच्छे से ट्रीटमेंट किये. लेकिन, उनके जाने के बाद यहां एक भी डॉक्टर या नर्स झाकने तक नहीं आया हैं.
– कुंदन कुमार, मरीज
यहां पर ट्रेंड डॉक्टरों की जरूरत
नशा मुक्ति केंद्र पर ट्रेंड डॉक्टरों का होना अतिआवश्यक है. ताकि मरीजों का सही इलाज किया जा सके. इसके अलावा वहां एंबुलेंस की सेवा होनी चाहिये, ताकि गंभीर मरीजों को केंद्र पर तुरंत ले जाया जा सके. डॉ सुनील सिंह, उपाध्यक्ष, आइएमए
क्या कहते हैं अधिकारी
हम लोगों को जितने स्टाफ मिले हैं. उसके अनुसार काम चल रहा है. लेकिन, अभी यहां 8-10 और ट्रेंड डॉक्टरों की जरूरत है. ताकि मरीजों का इलाज अच्छे तरीके से किया जा सकें. इकलौता केंद्र होने के चलते यहां भीड़ भी अधिक बढ़ गयी है.
डॉ संतोष कुमार, नोडल अधिकारी, नशा मुक्ति केंद्र, एनएमसीएच
तीन दुकानें शुरू
पटना : पटना में शराबबंदी के बाद दूसरे दिन पटना जिले में तीन विदेशी शराब की दुकानें शुरू होगयी है. बिवरेज कॉरपोरेशन की ओर से पटना में सेंट्रल मॉल के पास फजल इमाम कांम्प्लेक्स के पास 43 नंबर दुकान, कंकड़बाग में टेंपो स्टैंड के पास 47 नंबर दुकान और पटना सिटी के चौक शिकारपुर नाला के पास 60 नंबर दुकान को देर शाम खोल दिया गया है.
दुकान में मिली शराब
बाढ़. शुक्रवार की रात को पुलिस ने पंडारक थाने के भगवतीपुर करमौर गांव में किराना दुकान में छापेमारी कर अंगरेजी शराब की बोतलें बरामद कीं. इस संबंध में दुकानदार श्रीनिवास सिंह के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है.
जागरूता रैली
पटना सिटी. सूबे में पूर्ण शराबबंदी को लेकर हाजीगंज स्थित टेंडर हार्ट स्कूल के बच्चों व अभिभावकों ने जागरूता रैली निकाली. उधर संपतचक पंचायत की जीविका की परियोजना प्रबंधक शिफा गुप्ता ने शराबबंदी का स्वागत किया है.
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