पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्ण शराबबंदी के अपने वायदे से मुकर गये हैं. विभागीय मंत्री ने छह महीने में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी, मगर अब वे भी चुप्पी साध लिये हैं. देशी शराब पर प्रतिबंध लगानेवाली सरकार अब विदेशी शराब खुद बेचेगी. विदेशी शराब की बिक्री कब से बंद होगी.
सरकार ने इसकी कोई समय सीमा भी तय नहीं की है. मोदी ने कहा कि विदेशी शराब के 12 ब्रांड, जिनको पहले बिहार में बेचने की अनुमति नहीं थी, अब सरकार ने उनको भी बेचने का निर्णय लिया है. विदेशी शराब की दुकानों की संख्या तो तीन हजार से घटा कर 650 कर दी गयी हैं, मगर विदेशी शराब के कोटा को घटाने के बजाय यथावत पिछले साल जितना ही रखा गया है.
यानी जितनी विदेशी शराब तीन हजार दुकानों से बिकती थी, उतनी अब साढ़े छह सौ दुकानों से बिकेगी. गरीबी को आधार बना कर गांवों में शराब बंद की गई है, क्या शहरों में गरीब नहीं रहते हैं.
शहरों में बिकने वाली विदेशी शराब को गांवों में ले जाने से रोकने के लिए क्या उपाय किए गए है. शहरों के बगल के गांवों के ग्रामीणों को विदेशी शराब खरीदने की अनुमति होगी या नहीं. पड़ोसी राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और नेपाल की खुली सीमा से आने वाली अवैध शराब पर रोक के लिए सरकार ने कौन सा कारगर कदम उठाया है. क्या यह सच नहीं है कि पूर्ण शराबबंदी के बिना आंशिक शराबबंदी की सफलता हमेशा संदिग्ध रहेगी.