पटना : बिहार के ग्रामीण इलाकों में पूर्ण शराबबंदी को लेकर जारी अभियान के तहत अबतक 6.20 लाख लीटर देशी शराब नष्ट किए जाने के साथही शहरी इलाके में बिहार स्टेट बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड :बीएसबीसीएल: द्वारा संचालित 655 दुकानों में से 150 को लाईसेंस निर्गत कर दियेगये हैं. इन दुकानों में भारत में बनी विदेशी शराब बेचने की अनुमति सरकार ने दी है.
बिहार के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव के पाठक ने बताया कि बीते मध्य रात्रि से प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी है और शहरी इलाके में देशी एवं मसालेदार शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किये जाने के साथ पूरे प्रदेश में अबतक 6.20 लाख लीटर देशी शराब नष्ट की गयी है. इनमें से बीएसबीसीएल डीपो में मौजूद 5,67,133 लीटर तथा 53 हजार लीटर अन्य दुकानों से जब्त देशी शराब शराब शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि शहरी इलाके में बीएसबीसीएल द्वारा संचालित 655 में से 150 को लाईसेंस निर्गत कर दिए गये हैं और बाकी को लाईसेंस निर्गत किए जाने का मामला प्रक्रियाधीन है. इन दुकानों के जरिए भारत में बनी विदेशी शराब बेचने की अनुमति प्रदान की जानी है. इस अवसर पर बिहार उत्पाद आयुक्त कुंवर जंग बहादुर, उपायुक्त एसके सिन्हा और उत्पाद आयुक्त के सचिव ओपी मंडल भी उपस्थित थे.
गौर हो कि बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर कल बिहार उत्पाद :संशोधन: विधेयक 2016 को गत 30 मार्च को सर्वसम्मति से पारित कर दिये जाने के बाद बिहार राज्य मंत्रिपरिषद के प्रदेश में शराबबंदी को कल मंजूरी दिये जाने तथा इसको लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दिए जाने के बाद राज्य में बीते मध्य रात्रि से शराबबंदी लागू हो गयी.
बिहार उत्पाद :संशोधन: विधेयक 2016 के तहत प्रथम चरण में आज से प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में देशी एवं मसालेदार और भारत में बनी विदेशी शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने के साथ वहां पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी. शहरी इलाके में देशी एवं मसालेदार शराब की बिक्री प्रतिबंधित कर दिये जाने के साथ भारत में बनी विदेशी शराब की बिक्री बीएसबीसीएल की दुकानों के माध्यम से की जाएगी. शहरी इलाके में भी पूरी तरह से शराबबंदी को लेकर वातारण बन जाने तथा इसकी स्वीकारोक्ति बढ़ने पर दूसरे चरण में यहां भी पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी जाएगी.
इस कानून के आज से लागू हो जाने पर प्रदेश में शराब के व्यापार, उत्पादन और इसे बेचने की अनुमति नहीं होगी जिसके बाद लोगों को शराब नहीं उपलब्ध हो पाएगा तथा इस कानून का उल्लंघन करने वाले को कड़ी सजा दी जाएगी. उपायुक्त एसके सिन्हा ने बताया कि नया उत्पाद एवं मद्य निषेध कानून लागू हो जाने के बाद प्रदेश में संचालित देशी शराब के 17 कारखानों और मसालेदार शराब के एक कारखाना को बंद कर दिया गया है.
उत्पाद आयुक्त के सचिव ओपी मंडल ने बताया कि प्रदेश में शराबबंदी को ठीक ढंग से लागू करने के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने 4000 अतिरिक्त सशस्त्र होम गार्ड, 2000 सैप जवान तथा 854 अतिरिक्त विभागीय बल की मांग सरकार से की गयी है.
बिहार में शराबबंदी को प्रभावकारी बनाने के पड़ोसी राज्यों से भी संपर्क साधा गया है पड़ोसी देश नेपाल सहित अन्य राज्यों से जुड़ी सीमाओं पर मौजूद चेकपोस्ट पर निगरानी रखे जाने के साथ जहां चेकपोस्ट नहीं है वहां बैरियर का प्रबंध किया गया है.