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सभी पदों के लिए एक परीक्षा
विधानमंडल सत्र : बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग विधेयक पारित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, पुलिस सेवा में नियुक्ति को ससमय पूरा करने के लिए ‘बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग’ का हुआ गठन, पुलिस सेवा के आयोग में होंगे अध्यक्ष व दो सदस्य, वन और एक्साइज के अधिकारी भी कमेटी में रहेंगे पटना : बिहार […]
विधानमंडल सत्र : बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग विधेयक पारित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, पुलिस सेवा में नियुक्ति को ससमय पूरा करने के लिए ‘बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग’ का हुआ गठन, पुलिस सेवा के आयोग में होंगे अध्यक्ष व दो सदस्य, वन और एक्साइज के अधिकारी भी कमेटी में रहेंगे
पटना : बिहार में विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग नहीं, बल्कि संयुक्त प्रतियोगिता-परीक्षाएं होंगी. सरकार कर्मचारी चयन आयोग का बोझ हल्की केरगी. यही नहीं, अब रिक्तियों के खिलाफ नियमित रूप से बहालियां होंगी. उक्त घोषणा गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की.
वे नियुक्ति के काम को ससमय पूरा करने के लिए ‘बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग’ का गठन ‘बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग विधेयक-2016’ पर बोल रहे थे.
विधानमंडल के दोनों सदनों में विधेयक पािरत हुआ. मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि अभी तक बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के कंधों पर ही नियुक्ति की जिमेमवारी होने के कारण नियमित नियुक्ति का काम सही समय पर नहीं हो पा रहा था. इसका सबसे अधिक असर पुलिस सेवा पर पड़ रहा था. आज पुलिस सेवा का विस्तार हो रहा है, नये-नये पद सृजित हो रहे हैं. इस सेवा में नियुक्ति के लिए ‘बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग’ का गठन करने का निर्णय लिया गया है.
अयोग के गठन के मुद्दे पर पिछले कई वर्षों से मंथन हो रहा था, अब जा कर यह अस्तित्व में आ रहा है. उन्होंने कहा कि आयोग में अध्यक्ष व दो सदस्य पुलिस सेवा के होंगे.
वन और एक्साइज डिपार्टमेंट के आधिकारी भी इसकी कमेटी में रहेंगे. यही नहीं, अनुसूचित जाति के अलावा महिला भी सदस्य होंगी. आयोग में जरूरत पड़ने पर नये सदस्य भी बनाये जा सकते हैं. 42,00 ग्रेड-पे वाले पुलिस सेवा के कर्मचारियों का आयोग चयन करेगा. आयोग पुलिस सेवा के तकनीकी और वरदीधारी सेवाओं के लिए भी प्रतियोगिता-परीक्षाएं आयोजित करेगा. उन्होंने कहा कि बेसिक क्वाॅलिफिकेशन वाले पदों के लिए
अब अलग-अलग नहीं, बल्कि एक ही संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षाएं होंगी. प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए आयोग ‘वार्षिक-कैलेंडर’ बनायेगा, ताकि अभ्यर्थियों को परीक्षा की तारीखों के लिए परेशानी न हों.
उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था और जांच के लिए पुलिस में अलग-अलग जिम्मेवारी दी जायेगी. परिचर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने आयोग में अति-पिछड़ों को भी स्थान दिये जाने की मांग की. परिचर्चा में भाजपा के संजय सरावगी और तारकिशोर सिंह ने भाग लिया. सदन में ध्वनिमत से विधेयक पारित हो गया.
‘बिहार कराधान विवाद समाधान विधेयक-2016’ पारित
क्षेत्रीय स्तर पर वाणिज्यिक विवादों का निबटारा
पटना : एक करोड़ तक के वाणिज्यिक-विवादों का निबटारा अब क्षेत्रीय स्तर पर ही होंगे. विवादों के निबटारे के लिए व्यापारियों को पटना की दौड़ नहीं लगानी हेगी. उक्त घोषणा गुरुवार को वाणिज्य कर मंत्री विजेंद्र यादव ने विधानसभा में की. वे ‘बिहार कराधान विवाद समाधान विधेयक-2016’ पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक विवादों के उचित समाधान को ले कर पिछले दिनों व्यापारियों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक हुई थी. बैठक में व्यापारियों ने ‘वन-टाइम सेटलमेंट स्कीम’ लागू करने का सुझाव दिया था. व्यापारियों के साथ सीएम की हुई बैठक के बाद से ही इस पर मंथन हो रहा था. समाधान विधेयक के माध्यम से व्यापारियों को यह सुविधा मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है.
विधेयक के कई प्रावधानों पर भाजपा के संजय सरावगी ने कई संशोधन लाये, किंतु सदन ने ध्वनिमत से उसे खारिज कर दिया. वाणिज्य कर मंत्री विजेंद्र यादव वाणिज्य कर मंत्री विजेंद्र यादव ने विपक्ष को अाश्वस्त किया कि सरकार उनके व्यावहारिक-सुझावों पर अमल करेगी.
अनाज वितरण
वितरण नहीं, तो नहीं आऊंगा सदन : सहनी
विधान परिषद में भाजपा के सच्चिदानंद राय की चुनौती पर खाद्य व आपूर्ति मंत्री मदन सहनी ने कहा कि अनाज वितरण नहीं होने का सबूत दे तो दुबारा सदन नहीं आऊंगा. सच्चिदानंद राय ने छपरा में अनाज वितरण नहीं होने की बात कही.
उन्होंने कहा कि साल में दस माह अनाज नहीं मिलता है. इस पर मंत्री ने कहा कि मात्र दो माह अनाज मिलने का सबूत दिखा दे तो दुबारा सदन नहीं आयेंगे. परिषद में राजकिशोर सिंह कुशवाहा के ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री ने कहा कि जिले में राज्य खाद्य निगम के भंडार का भौतिक सत्यापन छह माह पर डीएम द्वारा किया जाता है. खाद्य निगम के प्रबंधक द्वारा भी गोदाम का भौतिक सत्यापन होता है. जहां तक अनाज के कालाबाजारी का सवाल है इसकी सूचना नहीं है. कालाबाजारी के खिलाफ छापामारी की जाती है.
कई जगहों पर छापामारी में अनाज पकड़ा गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में सवा दो करोड़ परिवार लाभुक है. सरकार उसे राशन-किरासन देने को संकल्पित है. अनाज नहीं मिलने की शिकायत पर जांच करते हैं. अनाज वितरण में गड़बड़ी को लेकर सत्ता पक्ष के संजय प्रसाद, भाजपा के रजनीश कुमार, हरेंद्र प्रताप पांडेय व लाल बाबू प्रसाद ने शिकायत की.
अनाज उठाव
सरकार इसे सख्ती से देखे : विजय चौधरी
विस अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सरकार से कहा कि जनवितरण प्रणाली के तहत अनाज उठाव को सख्ती से देखे. अनाज का उठाव सही ढंग से हो. डीलर पैसा जमा करते हैं, तो उनका अनाज समय पर मिले. इसे सरकार गंभीरता से देख ले.
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी गुरुवार को दनकर राम के तारांकित प्रश्न के जवाब पर सरकार को सुझाव दे रहे थे. दिनकर राम द्वारा मोकामा को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मोकामा के विधायक ने आज शपथ ली है. लगता है दिनकर बाबू ने यह सवाल पहले ही पूछ लिया है. उस वक्त 16वीं विधानसभा की सदस्यता लेने मोकामा के विधायक अनंत सिंह सदन में मौजूद थे. इस मामले में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने बताया कि पीडीएस दुकानदारों द्वारा जमा करायी गयी राशि को पुन: वापस करायी जायेगी.
उन्होंने कहा कि विभाग में बैठक बुलाकर सुचारू बनाने की पहल की जायेगी और पीडीएस डीलरों की राशि को वापस कराया जायेगा. भाजपा के नंद किशोर यादव ने सरकार से पूछा कि पीडीएस दुकानदारों में फरवरी-मार्च का पैसा जमा करा दिया है, जबकि उनको नवंबर का ही राशन मिला है. इस मामले को लेकर भाजपा के सदस्यों नें सरकार के जवाब से असंतोष व्यक्त करते हुए अपनी सीट पर खड़े रहकर नारेबाजी भी की. सरोज यादव द्वारा भोजपुर जिला में राशन केरोसिन नहीं मिलने व अधिक मूल्य पर बेचने पर मंत्री ने कहा कि इसकी जांच करायी जायेगी.
घर-घर पहुंचेगा नल का पानी : नीतीश कुमार
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अब घर-घर नल का पानी पहुंचेगा. ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत को पानी पहुंचाने की जिम्मेवारी तय होगी. विकेंद्रीकरण के तहत योजना पर काम होगा. विधान परिषद में लाल बाबू प्रसाद के ध्यानाकर्षण मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोल रहे थे. परिषद में सदस्यों को उन्होंने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री चापाकल निर्माण योजना सहित जलापूर्ति के लिए चल रही अन्य याेजना का जिसका टेंडर हो चुका है.
जिसे स्वीकृति मिल गयी है. उसे बंद नहीं किया जायेगा. वह सारा काम पूरा होगा. मुख्यमंत्री ने चापाकल योजना की आशंका को लेकर सदस्यों द्वारा बार-बार उठाये जा रहे सवाल पर विराम लगाया. उन्होंने कहा कि विधायकों की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री चापाकल निर्माण योजना बनी थी. अब बदलते दौर में लोगों की इच्छा है कि नल का पानी मिले.
इसके लिए पूरा मंथन कर इस पर निर्णय लिया गया. सरकार के सात निश्चय में भी शामिल है. उन्होंने कहा कि बन रहे जलमीनार की उपयोगिता की जानकारी ली गयी तो पता चला कि प्रेशर बनाने के लिए इसका उपयोग होता है. शहरी क्षेत्र में मल्टी स्टोरेज के लिए तो ठीक है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में कोई उपयोगिता नहीं है. इसे बनाने में पूरी योजना का 35 फीसदी राशि खर्च होता है. समय भी लगता है. साथ ही उसकी सफाई नहीं होती है.
इसऔर डेंजरस स्थिति होती है. उन्होंने कहा कि घर-घर नल से पानी पहुंचाने का काम विकेंद्रीकरण योजना के तहत होगा. पंचायत में एक वार्ड में जिम्मेवारी तय कर उसे पूरा किया जायेगा. पांच साल में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जायेगा. दूषित जलापूर्ति वाले इलाके में पीएचइडी विभाग काम करेगा. जलापूर्ति के विभिन्न योजनाओं की राशि को एक जगह करने से काम करने में आसान होगा. शहरी क्षेत्र के लिए डीपीआर बन गया है. ग्रामीण क्षेत्रों का डीपीआर बन रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साथ दो योजना नहीं चल सकता है. किसी एक को स्थगित करना होगा. यह योजना ओपेन टू आइडियाज है. इसमें सभी जन प्रतिनिधयों के सुझाव का स्वागत है. जिस तरह से विकेंद्रीकरण कर स्कूल का निर्माण हुआ ठीक उसी तरह यह काम होगा. एक घर को नहीं छोड़ा जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक के अधिकार को लेने की कोई नीयत या मंशा नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव की गैरमौजूदगी पर विधान परिषद में हंगामा
पटना. विधान परिषद में स्वास्थ्य विभाग और लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री तेज प्रताप यादव की अनुपस्थिति पर भाजपा ने हंगामा किया. विप में विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे कि ऐसे मंत्री जो विभाग का कामकाज नहीं देख सकते हों, विभाग चलाने में सक्षम नहीं हो तो वैसे मंत्री को बरखास्त करें.
जब सदन में उनके तीन-चार विभागों का जवाब नहीं होगा तो यह कैसे चलेगा? हमलोग उनको मदद करने के लिए तैयार हैं. वे सदन में आएं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से भी उन्होंने कहा कि आप उन्हें प्रशिक्षण दीजिए. हमलोग सदन में उन्हें सहयोग करेंगे. उनसे सप्लीमेंटरी प्रश्न नहीं पूछेंगे, लेकिन ऐसा नहीं चलेगा. मोदी ने कहा कि लगभग 30-35 दिनों में सदन में वे मुश्किल से तीन-चार दिन ही कुछ घंटों के लिए आये हैं. मंत्री नौजवान हैं. हमसब मिलकर उनको सहयोग करेंगे, लेकिन उन्हें सदन में तो आना होगा. सदन में वे नहीं आयेंगे तो कैसे चलेगा?
सदन के बाहर उन्होंने कहा कि पूरा का पूरा स्वास्थ्य विभाग और लघु जल संसाधन विभाग पूरी तरह प्रभावित हो गया है. विभाग का कोई काम नहीं हो रहा है. विभागीय समीक्षा नहीं हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि प्रभारी मंत्री को जवाब देना है. वे जवाब देना चाहते हैं, पर हंगामे में उनकी बात अनसुनी रह गयी. इसी बीच प्रभारी मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि वे लघु जल संसाधन और पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रश्नों का जवाब देंगे.
मंत्री पटना से बाहर हैं, लेकिन सभापति ने कहा कि अन्य प्रश्नों के जवाब के बाद ही आप जवाब देंगे. हंगामे की शुरुआत तब हुई जब स्वास्थ्य सह लघु जलसंसाधन मंत्री तेज प्रताप को लघु जल संसाधन विभाग के कम से कम पांच प्रश्नों का जवाब देना था. सभापति द्वारा लगातार पांच प्रश्नों में प्रश्नकर्ता सदस्यों की उपस्थिति के बावजूद मंत्री के नहीं रहने और किसी प्रभारी मंत्री के भी नहीं होने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू हो गया. जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि सदन में प्रश्नों का जवाब देना सामूहिक जिम्मेवारी है.
मोदी ने उनसे कहा कि वे बचाव नहीं करें. भाजपा के ही रजनीश कुमार ने मंत्री तेज प्रताप की बरखास्तगी की मांग करते हुए कहा कि सदन में उनके विभाग से संबंधित किसी प्रश्न का जवाब नहीं हो रहा है. विपक्ष के हंगामा को कांग्रेस के डा दिलीप कुमार चौधरी, जदयू के रणवीर नंदन और सतीश कुमार ने विरोध करते हुए कहा कि सदन में विपक्ष अनावश्यक हंगामा कर रहे हैं.
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