आशुतोष के पांडेय
पटना :बिहार विधानसभा के सदस्यों ने आज ऐतिहासिक रूप से शराब का सेवननहीं करने और दूसरे लोगों को ऐसा करनेसे रोकने का संकल्प लिया. साथ ही सर्वसम्मति से बिहार उत्पाद संशोधन विधेयक 2016 पारित कर दिया गया. इसके तहत बिहार में चरणबद्ध रूप से पूर्ण शराबबंदी लागू की जायेगी. इस विधेयक को विधानसभा में पारित करवा कर नीतीश कुमार सरकार नेअपने चुनावी वादे को पूरा किया है. मालूम हो कि बिहारमेंसरकारसे लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानें बड़ाचुनावी मुद्दा बन गया था. नीतीश कुमार ने सरकार में आते ही अफसरोंको इसके लिए एक एजेंडातैयार करने का निर्देश दिया था और सार्वजनिक रूप से कहाथा कि राजस्व के नुकसान के बावजूद हम इससे कदम पीछे नहीं खीचेंगे.
शराब नहीं पीने की शपथ विधायकों ने ली
बिहार विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बीजेपी के सदस्यों द्वारा बिहार के विधायक और मंत्रियों से यह शपथ लेने की मांग की गयी कि वह शराब को हाथ नहीं लगायेंगे. जैसे ही यह प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष के सामने आया, उन्होंने इस पर अपनी सहमति दी. रही-सही कसर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कह कर पूरी कर दी. चैरिटी बिगिंन्स एट होम. उसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे कल पर नहीं टाला जाये और आज ही शपथ लें. उसके बाद सदन में विधानसभा अध्यक्ष सहित सभी सदस्य खड़े हो गये और उन्होंने शपथ ली. विधानसभा अध्यक्ष ने शपथ दिलायी कि आज के बाद कोई भी सदस्य और मंत्री शराब का सेवन नहीं करेंगे और करने वाले को शराब छोड़ने के लिएप्रेरित करेंगे. उसके बाद सभी विधायकों ने खड़े होकर सदन में शपथ ग्रहण किया.
अवैध शराब उत्पादन और बिक्री पर सजा-ए-मौत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि कोई भ्रम में नहीं रहे कि पूर्ण शराबबंदी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पूरे प्लान के साथ पहले चरण में 90 फीसदी दुकानें बंद हो जायेंगी. बाकी बची दुकानों को जो शहरों में होंगी, उन्हें भी बंद कर दिया जायेगा. उन्होंने सदन को बताया कि 1 अप्रैल के बाद उत्पाद संशोधन विधेयक के मुताबिक -अवैध और जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री करते पकड़े जाने पर उसे फांसी की सजा दी जायेगी. यदि कोई व्यक्ति अवैध शराब पीकर अपंग हुआ तो दोषी व्यक्ति को उम्र कैद की सजा सुनायी जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर जाम से जाम टकराने वाले भी सावधान हो जायें, क्योंकि ऐसा करने पर न्यूनत्तम 5 साल की सजाव अधिकतम 10 साल की सजा सुनायी जायेगी. अपने घर में भी कोई शराब की पार्टी करता है, तो पकड़े जाने पर 10 साल की सजा सुनायी जायेगी. नाबालिग बच्चों को शराब पिलाते पकड़े जाने पर आठ साल की सजा का प्रावधान किया गया है. साथ में शराब को बेचने, ट्रांसपोर्ट करते पकड़े जाने पर सजा के साथ संपति भी जब्त की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि यदि जहरीली शराब पीने से किसी की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को सरकार 4 लाख रुपया सहायता के रूप में देगी.
मैंने बच्चे की तरह नियमों का पढ़ा-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने इस विधेयक को लाने से पहले इसकीपूरी मॉनेटरिंग की है. पूरा अध्ययन किया है. अब प्रथम चरण के रिटेल शॉप को बेवरेज कॉरपोरेशन के जिम्मे दिया है. शराब पर निगरानी के लिए सीसीटीवी, जीपीएस सिस्टम, राज्य के सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक लॉक और सभी अत्याधुनिक व्यवस्था की है. इसे रोकने के लिए टॉल फ्री नंबर दिये गये हैं. 24 घंटे कोई भी शिकायत कर सकता है. इतना ही नहीं जिस थाना प्रभारी के क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री पायी गयी. जिस एसपी के इलाके में शराब से जुड़ी कुछ अवैध गतिविधियां हुई तो उन्हेंजवाबदेह बनाया गया है. सीएम ने कहा कि लोग जागरूक हैं. छात्रों के 1 करोड़ अभिभावकों ने शराब को हाथ नहीं लगाने का शपथ पत्र भरा है. सात लाख दीवारों पर जागरूकता वाले नारे लिखे गये हैं. 8 हजार से ज्यादा नुक्कड़ नाटक किये गये हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने नीतीश कुमार को खुलकर समर्थन किया था. नीतीश कुमार ने चुनाव में वादा किया था कि वे इस बार सरकार में अाने पर पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे. उन्होंने अपने इस वादे को पूरी प्रतिबद्धता से निभाने की कोशिश की है.शहर के लोगों के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर को पीने की छूट नहीं दी गयी है. शराब से नुकसान सबको मालूम है. माहौल बनेगा तो शहर भी जिम्मेवार होगा. वैसे उन्होंने कहा कि बंगलुरू के निमहांस और दिल्ली के एम्स से प्रशिक्षित शराब से दूर करने वाले चिकित्सकों को भी लाया गया है.