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बीमार मन के भीतर होता है काम, क्रोध और लोभ
श्री रामकथा. तीसरे दिन भी जुटी भक्तों की भीड़ पटना : शरीर व मन दोनों में रोग होते हैं. शरीर का रोग तो खुद पता चल जाता है, लेकिन मन का रोग दूसरों को पता चलता है. क्योंकि, जब मन बीमार होता है, तो उसमें काम, क्रोध, लोभ भरा होता है. मन हर वक्त इन्हीं […]
श्री रामकथा. तीसरे दिन भी जुटी भक्तों की भीड़
पटना : शरीर व मन दोनों में रोग होते हैं. शरीर का रोग तो खुद पता चल जाता है, लेकिन मन का रोग दूसरों को पता चलता है. क्योंकि, जब मन बीमार होता है, तो उसमें काम, क्रोध, लोभ भरा होता है. मन हर वक्त इन्हीं तीनों में डूबा रहता है. लोगों को इन रोगों के बारे में उस वक्त पता चलता है, जब वह चारों तरफ से इन बुराइयों के जाल में घिर जाते हैं और वहां से निकलने का रास्ता बंद हो जाता है.
ये बातें सोमवार को नागाबाबा ठाकुरबाड़ी, कदमकुआं में आध्यात्मिक सत्संग समिति द्वारा आयोजित श्री रामकथा ज्ञान यज्ञ समारोह के तीसरे दिन कथा वाचिका यशुमति जी ने कहीं. उन्होंने कहा कि अध्यात्म के जरिये तन व मन के रोगों को दूर किया जा सकता है.
क्योंकि, केवल विद्या, ज्ञान, पद व प्रतिष्ठा पाने से ही जीवन सार्थक नहीं होता है. इसके लिए अध्यात्म से जुड़ कर परिवार व समाज का भला करना होता है. उन्होंने कहा कि जीवन के मुख्यत: चार सुख हैं. पहला शरीर स्वस्थ व सुंदर हो, दूसरा घर में लक्ष्मी का वास हो, तीसरा कुलवंती नारी हो और चौथा आज्ञाकारी पुत्र हो. जिस किसी को यह चारों सुख मिल गया वह भाग्यशाली हैं. जिन्हें इसमें से एक सुख भी कम मिला, उसका जीवन कलह में व्यतीत होता है. यशुमति जी ने कहा कि हम अपने सुख के लिए हर दिन झूठ का सहारा लेते हैं और अपने माता-पिता को दुख पहुंचाते हैं. जब उनका पुत्र उनके साथ ऐसा करता है, तो उनको पिछली बात याद आती है. इस अवसर पर उपेंद्र नाथ पांडेय, द्वारिका प्रसाद तोदी, निर्मल झुनझुनवाला आदि मौजूद थे.
जो सहज है, वही शिव का रूप है
श्री मानस शिव कथा में सोमवार को पूज्य संत करुणामयी गुरु मां ने कहा कि जो सहज है, वही शिव का रूप है. क्योंकि, इनका कभी जन्म नहीं होगा और न ही इनकी कभी मृत्यु होगी.
इसके बावजूद शिव सहज रहते हैं. जो मिला, खा लिया और जहां मन किया सो गये. गुरु मां ने कहा कि लोग दिखावे में जीते हैं. जहां आप सबसे अधिक समय बिताते हैं वहां के लोगों से हंसते हुए और सच्चाई से मिलें. कथा का उद्घाटन प्रो डॉ पूर्णिमा शेखर सिंह ने गुरु मां का स्वागत कर किया. विभा सिन्हा, माधुरी, वीणा आदि भी मौजूद रहीं.
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