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नहीं दिखा रहे दिलचस्पी नौ साल में 755 निबंधित

विवाह निबंधन की हो रही अनदेखी पटना : पार्षदों को अपने वार्ड क्षेत्र में होने वाले विवाहों का रजिस्ट्रेशन करना है, लेकिन वे इस काम में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. नतीजा यह कि विवाहों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है और लाेगों को कोर्ट-कचहरी की दौड़ लगानी पड़ रही है.बिहार-विवाह निबंधन नियमावली 2006 […]

विवाह निबंधन की हो रही अनदेखी
पटना : पार्षदों को अपने वार्ड क्षेत्र में होने वाले विवाहों का रजिस्ट्रेशन करना है, लेकिन वे इस काम में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. नतीजा यह कि विवाहों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है और लाेगों को कोर्ट-कचहरी की दौड़ लगानी पड़ रही है.बिहार-विवाह निबंधन नियमावली 2006 के तहत वार्ड पार्षदों को विवाह के रजिस्ट्रेशन का अधिकार दिया गया है.
इसके तहत उन्हें वार्डों में होने वाले विवाह का रजिस्ट्रेशन कर उसकी एक प्रति जिला अवर निबंधक कार्यालय को उपलब्ध करानी है. लेकिन, नौ वर्ष बाद भी अब तक मात्र 755 विवाहों का निबंधन हो सका है.
दिया गया है निर्देश : इसके लिए जिला अवर निबंधक ने वार्ड पार्षदों को निर्देश भी दिया है, ताकि वे अपने इलाकों के विवाहों का रजिस्ट्रेशन करायें. वार्ड पार्षदों की अरुचि के कारण विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम विफल हो रहा है.
यह है नियम : 14 फरवरी 2006 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने बिहार विवाह निबंधन नियमावली 2006 बनायी और पार्षदों को रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार दिया. इसके तहत पार्षदों को अपना नाम, कार्यकाल और हस्ताक्षर के नमूने नगर आयुक्त के माध्यम से जिला अवर निबंधक को उपलब्ध कराना है. अपने वार्ड क्षेत्र में होने वाले सभी विवाहों का रजिस्ट्रेशन कर एक प्रति जिला निबंधक को उपलब्ध करानी है. इसके अलावा विवाह रजिस्ट्रेशन नंबर, लड़का-लड़की का नाम, उम्र, दोनों के माता-पिता का नाम और पता दर्ज कराने हैं.
ये थे उद्देश्य
बाल विवाह को समाप्त करने व सरकारी योजनाओं का लाभ महिलाओं को आसानी से मिल सके, इसके लिए विवाह निबंधन का अनिवार्य बनाया गया है. साथ ही लोगों को इसके लिए कोर्ट-कचहरी का चक्कर नहीं लगाना पड़े इसके लिए इसे अासान बनाया गया है.
मकसद और लाभ
बाल-विवाह को समाप्त करना
सरकारी योजनाओं का आसानी से लाभ
ट्रैफिकिंग की शिकार होने पर महिला की जानकारी मिलना
किसी प्रकार का हादसा होने पर कानूनी लाभ
निबंधन का आंकड़ा
वर्ष निबंधन
2007 18
2008 88
2009 88
2010 42
2011 130
2012 65
2013 38
2014 117
2015-16 169

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