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नियोजित शिक्षकों के वेतन पर सरकार झूठ बोल रही है : मोदी

पटना़ : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नियोजित प्राथमिक शिक्षकों के वेतन को लेकर सरकार झूठ पर झूठ बोल रही है. होली के दो दिन पूर्व चार महीने से बकाये वेतन के भुगतान के लिए सरकार ने राशि तो मंजूर की, मगर क्या होली के पहले शिक्षकों को वेतन भुगतान पर […]

पटना़ : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नियोजित प्राथमिक शिक्षकों के वेतन को लेकर सरकार झूठ पर झूठ बोल रही है. होली के दो दिन पूर्व चार महीने से बकाये वेतन के भुगतान के लिए सरकार ने राशि तो मंजूर की, मगर क्या होली के पहले शिक्षकों को वेतन भुगतान पर संशय है. पिछले दिनों नवंबर तक के वेतन मद की जो राशि मंजूर की गयी थी, वह आज तक शिक्षकों को नहीं मिली है.
संभव है शिक्षकों को वेतन मिलने में महीने दो महीने और लगे. क्या सरकार यह फैसला एक–दो महीना पहले नहीं कर सकती थी?
क्या राशि मंजूर होने के बावजूद तीन लाख शिक्षकों की होली पैसे के अभाव में बेरंग नहीं मनेगी? शिक्षकों के वेतन भुगतान का सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र से मिलनेवाली राशि से कोई संबंध नहीं है. चुनाव के नये वेतनमान देने की घोषणा से सरकार पर प्रतिवर्ष तीन हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है.
राज्य सरकार केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में पिछले साल की तुलना में इस साल उसे जो करीब साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिला है. उससे शिक्षकों को वेतन दे रही है.
अगर सरकार समय रहते फैसला ले लेती, तो शिक्षकों को होली के पूर्व वेतन मिल जाता. उन्होंने कहा है कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत अब कोई राशि केंद्र के पास बकाया नहीं है. राज्य सरकार को केंद्र से पिछले वर्ष 2014–15 में मिली 2163 करोड़ की तुलना में 2015–16 में 2515 करोड़ यानी 400 करोड़ रुपया ज्यादा मिली है.
विधानमंडल में हंगामा और उपहार वापसी से जब दबाव बना तो सरकार ने राज्यांश से शिक्षकों के बकाये वेतन के भुगतान के लिए 1137 करोड़ रुपये होली के दो दिन पहले मंजूर किया है. सरकार पर शिक्षकों के वेतन भुगतान मामले में असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसका ही नतीजा है कि शिक्षकों को बिना वेतन के होली मनाने के लिए विवश होना पड़ रहा है.

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