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तीन वर्षों में आत्मनिर्भर बनेंगे सूबे के 1.50 करोड़ परिवार : श्रवण

पटना : बिहार में 2018 तक 1.50 करोड़ परिवार आत्म निर्भर बनेंगे. लोगों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्म निर्भर बनाया जायेगा. मार्च समाप्त होने तक इसके पांच लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है, अब तक 4.90 लाख सदस्य बनाये जा चुके हैं. 2018 तक इसके 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य तय […]

पटना : बिहार में 2018 तक 1.50 करोड़ परिवार आत्म निर्भर बनेंगे. लोगों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्म निर्भर बनाया जायेगा. मार्च समाप्त होने तक इसके पांच लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है, अब तक 4.90 लाख सदस्य बनाये जा चुके हैं. 2018 तक इसके 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया गया है.उक्त घोषणा मंगलवार को ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा में की. वे विस में ग्रामीण विकास विभाग के बजट पर बोल रहे थे.
विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही उन्होंने बजट भाषण किया. विपक्ष की गैर मौजूदगी में विभाग का 55 अरब, 10 करोड़, छह लाख और आठ हजार का बजट ध्वनि मत से पार55 अरब, 10 करोड़, छह लाख और आठ हजार का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि बिहार को ग्रामीण विकास मद में दी जाने वाली राशि में कटौती कर दी गयी है. केंद्र ने इस मद में 44 लाख की कटौती की है.
केंद्र के रवैये से बिहार में 90 लाख परिवारों को इंदिरा-आवास मुहैया कराने की योजना में पेंच फंसेगा. उन्होंने केंद्र सरकार से अपने फैसले पर गंभीरता से पुर्नविचार करने की अपील की. केंद्र या तो इंदिरा आवास योजना मद की राशि बढाये या इसकी समय-सीमा बढ़ाये . सिर्फ इंदिरा आवास योजना में ही केंद्र ने दंडीमारी नहीं की है, बल्कि मनरेगा और जीविका योजना में भी उसने जम कर कटौती की है.
53 गांंवों को ‘सासंद आदर्श ग्राम ’ बनाने के लिए चयन किया हकी है. इन योजनाओं में केंद्र 25: 75 के अनुपात में राशि मुहैय्या करायेगा, जबकि पहले वह 60: 40 के अनुपात में केंद्र यह राशि मुहैय्या कराता रहा था. उन्होंने कहा कि बिहार में ‘स्मार्ट-सिटी’ नहीं, बल्कि ‘आदर्श ग्राम’ बनेंगे. इस योजना पर सरकार ने काम भी शुरु कर दिया है. सरकार ने 53 गांंवों को ‘सासंद आदर्श ग्राम ’ बनाने के लिए चयन किया है. इस योजना की सफलता के लिए उनकी पिछले दिनों केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह से लंबी बात भी हुई है.
यही नहीं , सूबे के छह स्थानों का रुबरन योजना के लिए भी चयन किया गया है. उन्होंने कहा कि रुबरन योजना के तहत छह क्षेत्रों के विकास पर 30 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष राशि बिहार सरकार खर्च करेगी. उन्होंने कहा कि मजदूरों को सर्वाधिक मजदूरी मुहैय्या कराने वाले राज्यों में बिहार शामिल हो गया है.मजदूरों को 177 रुपये दैनिक मजदूरी फिलहाल दी जा रही है. एक अप्रैल से इसमें 15 रुपये की और वृद्धी होगी.
(नोट : : खबर दोबारा पढ़ी गयी है)
विप में विरोधी दल के नेता सुशील कुमार मोदी के दवा खरीद संबंधी प्रश्न के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा कि दो माह में सभी दवाओं की आपूर्ति अस्पतालों को कर दी जयेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले दस माह से दवाओं की खरीद नहीं हो रही है.
विपक्ष के नेता ने कहा कि दवाओं की खरीद में गड़बड़ी नीतीश कुमार के स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार में रहने के दौरान हुआ था, इसकी जांच होनी चाहिए. मोदी के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति व्यक्त करते हुए हंगामा किया. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सब गड़बड़ी आपके मंत्री अश्विनी चौबे के कार्यकाल में हुआ. इस बयान पर विपक्ष ने कड़ा एतराज जताया.
जदयू के नीरज कुमार ने कहा कि इस आरोप पर सरकार सदन में जवाब दे दी है. इसके बावजूद मुख्यमंत्री का नाम घसीटना गलत है. कांग्रेस के डाॅ दिलीप कुमार चौधरी आदि सदस्यों ने मोदी के बयान का विरोध किया. स्वास्थ्य मंत्री ने हंगामे के बीच में कहा कि आप लोगों के विरोध के कारण बिहार आगे नहीं बढ़ रहा है.

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