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ग्रामीण बैंकों में ताले, कारोबार बाधित
बिहार में 5500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ बाधित पटना : यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियंस के आह्वान पर देश के तमाम (56) ग्रामीण बैंकों की 20 हजार शाखाओं में कार्यरत एक लाख अधिकारी व कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल पर रहे. दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन करीब 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार […]
बिहार में 5500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ बाधित
पटना : यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियंस के आह्वान पर देश के तमाम (56) ग्रामीण बैंकों की 20 हजार शाखाओं में कार्यरत एक लाख अधिकारी व कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल पर रहे. दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन करीब 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार बाधित हुआ. इस देशव्यापी हड़ताल में बिहार के तीन ग्रामीण बैंकों की 1860 शाखाओं के 7500 अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए. बिहार में करीब 5500 करोड़ रुपये का कारोबार बाधित रहा.
11 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन : ग्रामीण बैंककर्मी 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस के संयोजक डीएन त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार की भेदभावपूर्ण नीति के खिलाफ ग्रामीण बैंककर्मियों ने एकजुट होकर तमाम प्रधान व क्षेत्रीय कार्यालयों के समक्ष आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया.
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ग्रामीण बैंककर्मियों को भी व्यावसायिक बैंककर्मियों के समान वेतन-भत्ता देने का आदेश दिया है. लेकिन, केंद्र सरकार अब तक द्विपक्षीय समझौते का पूरा लाभ नहीं दे रही है.ग्रामीण बैंक की इस हड़ताल का समर्थन व्यावसायिक बैंकों में कार्यरत तमाम संगठनों ने किया है.
मुख्य मांगें :
– ग्रामीण बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाय
– ग्रामीण बैंकों में प्रायोजक व्यावसायिक बैंकों के समान सेवा शर्त
– पेंशन नीति व दसवें वेतन समझौते को पूर्णतया लागू किया जाय.
– मित्रा कमेटी की मानव संसाधन नीति रद्द की जाय.
– अनुकंपा आधारित नियुक्ति योजना लागू की जाय.
– आउटसोर्सिंग बंद की जाय
– तमाम दैनिक व अंशकालिक मजदूरों की सेवा नियमित की जाय.
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