विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति ने की अनुशंसा
फिलहाल एक ही निदेशक प्रमुख का पद
पटना : स्वास्थ्य विभाग में पांच निदेशक प्रमुख के पद होंगे. इसमें निदेशक प्रमुख (प्रशासन) सह विशेष सचिव का पद होगा. इसके अलावा निदेशक प्रमुख (चिकित्सा शिक्षा), निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण), निदेशक प्रमुख (प्रशिक्षण) और निदेशक प्रमुख (परिवार कल्याण एवं मातृ-शिशु स्वास्थ्य) का पद होगा.
वर्तमान में विभाग में एक ही निदेशक प्रमुख का पद स्वीकृत है. इसके अलावा निदेशक के 17 पद और अपर निदेशक मुख्यालय के 29 पदों का सृजन होगा. विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने पूरे स्वास्थ्य संरचना को नये सिरे से गठित करने की अनुशंसा भेजी है.
11 बैठकों के बाद निर्णय
कमेटी में वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, निदेशक प्रमुख डॉ सुरेंद्र प्रसाद, स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार शामिल थे.
सरकार ने कमेटी को बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ द्वारा समय-समय पर की जा रही मांगों को लेकर विचार करने और सुझाव की मांग की थी. 11 बैठकों के बाद कमेटी ने अपनी अनुशंसा भेजी है, जिसमें पूरे स्वास्थ्य संरचना को नये सिरे से गठित करने की वकालत की है.
पहली जून, 1996 के बाद स्वास्थ्य विभाग की संरचना में इतना व्यापक और गहन समीक्षा कर अनुशंसा दी गयी है. राज्य बंटवारे के बाद बिहार में चिकित्सकों के 4905 पद रह गये थे. विभाजन के बाद विशेषज्ञों के 3467 पदों का सृजन किया गया है. पुन: 872 सामान्य चिकित्सकों के जबकि डेंटल सर्जनों के 52 पद भी सृजित किये गये.
इसके अलावा न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में 14 चिकित्सक, राजेंद्र नगर अस्पताल में 41 और लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, शास्त्रीनगर में 24 पदों का सृजन किया गया है.