– प्रभात रंजन –
पटना : राजधानी का प्रतिष्ठित मौर्यालोक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जहां तीन सौ से अधिक दुकान और सौ से अधिक सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं का दफ्तर है, रोजाना दस हजार लोग आते-जाते हैं, नागरिक सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं है.
इतना ही नहीं, परिसर में सभी जगहों पर ठेला-खोमचा दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है.
इन अतिक्रमणकारियों की वजह से रोजाना जाम की समस्या बनी रहती है. ऐसा नहीं है कि निगम प्रशासन इन अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए अभियान नहीं चलाता है. अब सवाल है कि आखिर परिसर से अतिक्रमणकारी क्यों नहीं हट रहे हैं.
अभियान का असर नहीं
मौर्यालोक परिसर से अतिक्रमण हटाने के लिए निगम प्रशासन प्रत्येक दूसरे-तीसरे सप्ताह में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता है और इस अभियान के तहत एक-एक ठेला-खोमचा दुकानदारों को परिसर से बाहर कर दिया जाता है. इस अभियान के दो-चार घंटा के बाद ही अतिक्रमणकारियों का फिर से कब्जा हो जाता है.
यह स्थिति तब है, जब निगम प्रशासन द्वारा परिसर में पार्किग व्यवस्था व अतिक्रमणकारियों पर नजर रखने के लिए पुलिस जवान व प्राइवेट सिक्यूरिटी के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. परिसर में सुबह दस बजे से लेकर शाम के आठ बजे तक सामान्य रूप से महिलाएं और पुरुषों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन परिसर में आनेवाले इन लोगों के लिए नागरिक सुविधा नगण्य है.