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पटना लौटै सीएम नीतीश कहा – नेपाल बिजली बनाये, तो बनेगा एशिया का धनी देश
पटना लौटै सीएम : नेपाल में हाइडैम बनाने की मांग की पटना : सीएम नीतीश कुमार शुक्रवार को तीन दिवसीय दिल्ली-नेपाल यात्रा के बाद पटना लौट आये. पटना पहुंचने पर उन्होंने नेपाली कांग्रेस के 13वें राष्ट्रीय अधिवेशन में दिये अपने संबोधन और नेपाल की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत मधेशी नेताओं से हुई बातचीत और उनसे की […]
पटना लौटै सीएम : नेपाल में हाइडैम बनाने की मांग की
पटना : सीएम नीतीश कुमार शुक्रवार को तीन दिवसीय दिल्ली-नेपाल यात्रा के बाद पटना लौट आये. पटना पहुंचने पर उन्होंने नेपाली कांग्रेस के 13वें राष्ट्रीय अधिवेशन में दिये अपने संबोधन और नेपाल की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत मधेशी नेताओं से हुई बातचीत और उनसे की गयी मांगों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सनकोसी-सप्तकोसी के लिए ज्वाइंट प्रोजेक्ट ऑफिस बना है.
इस पर नेपाल में हाइडैम बनाने की मांग की गयी. नेपाल में हाइडैम पावर प्रोजेक्ट की बहुत बड़ी संभावना है. डैम बन जाने से करीब एक लाख मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता नेपाल के पास हो जायेगी. इसका इस्तेमाल किया जाए तो नेपाल की बहुत बड़ी आर्थिक तरक्की होगी और वह एशिया का सबसे धनी देश बन सकता है. सीएम ने कहा कि भूटान का भी उदाहरण भी वहां रखा कि भूटान के हाइडल पावर प्रोजेक्ट की क्षमता 20 हजार मेगावाट की है. भूटान में हाइडल पावर प्रोजेक्ट के जरिए प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है और आर्थिक तरक्की हुई. अगर नेपाल के लोग इस बात पर मन बनायें तो वहां पर हाइडल पावर क्षमता का इस्तेमाल हो सकता है.
अगर नेपाल हाइडल पावर पोटेंशियल पर ध्यान देंगे तो स्वाभाविक है कि बाढ़ को भी नियंत्रित किया जा सकता है. बाढ़ को पूरे तौर पर रोका नहीं जा सकता है, ये कुदरती चीज है लेकिन हम कई उपायों फ्लड कंट्रोल से इसके प्रभाव को जरूर कम कर सकते हैं. हाइडल पावर के जरिये ये दोनों काम हो सकता है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हाइडल पावर के जरिये नेपाल की आर्थिक उन्नति होगी. इससे जो पावर जेनरेट होगा, उससे नेपाल की बिजली की अपनी जरूरत पूरी होगी. आज नेपाल में बिजली की स्थिति ठीक नहीं है.
बिजली की कमी के कारण काफी लोडशेडिंग हो रहा है. हाइडल पावर प्रोजेक्ट से नेपाल को बिजली की कमी नहीं रहेगी और जो जरूरत से ज्यादा बिजली होगी उसे भारत सरकार खरीद लेगी. उन्होंने कहा कि नेपाल में जो जल विद्युत की क्षमता है, इसका इस्तेमाल वे करें, इस बात पर उन्होंने हर नेताओं के साथ बाचतीत में जोर दिया है. दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग होना चाहिए. इसे दोनों देशों को फायदा होगा और सबसे ज्यादा फायदा नेपाल को होगा. नेपाल का औद्योगिकरण होगा.
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