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ठेकेदार मांग रहे मुआवजा

बालू संकट. ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले ने रोका कारोबार मुख्य खान निदेशक ने ठेकदारों को क्षतिपूर्ति का दावा ग्रीन ट्रिब्यूनल में करने की दी सलाह पटना : बिहार में बालू संकट और गहराने लगा है. एक ओर जहां सरकार ने कोर्ट का मामला बता कर हस्तक्षेप करने से हाथ खड़ा कर दिया है, वहीं […]

बालू संकट. ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले ने रोका कारोबार
मुख्य खान निदेशक ने ठेकदारों को क्षतिपूर्ति का दावा ग्रीन ट्रिब्यूनल में करने की दी सलाह
पटना : बिहार में बालू संकट और गहराने लगा है. एक ओर जहां सरकार ने कोर्ट का मामला बता कर हस्तक्षेप करने से हाथ खड़ा कर दिया है, वहीं नेशनल ग्रीन ट्रियूबनल बालू ठेके से जुड़ी एजेंसी पर जुर्माना लगाने की तैयारी में है.
फिलहाल ट्रियुबनल ने राज्य सरकार से सभी एजेंसियों के नाम मांगें हैं. इधर, 23 बालू घाटों के खनन का ठेका लिये संवेदकों ने 40 दिनों से बंद खनन के एवज में खान भूतत्व विभाग से क्षतिपूर्ति देने की मांग की है. सूत्र बताते हैं कि विभाग ने किसी तरह की क्षतिपूर्ति का भुगतान करने में अपने हाथ खड़े कर दिये हैं. खान भूतत्व विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि बालू घाटों का ठेका एग्रीमेंट में किसी कारण से खनन न होने के कारण किसी भी तरह की कोई क्षतिपूर्ति किये जाने का प्रावधान नहीं किया गया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट के फैसले के बाद 20 जनवरी से बालू घाटों से खनन का काम बंद है. संवेदकों का तर्क है कि खनन बंद होने के कारण उन्हें संविदा पर काम कर बालू मजदूरों को बैठा कर पैसे देने पड़ रहे हैं. यही नहीं, खनन के लिए किराये पर ली गयी जेवीसी व अन्य मशीनों का किराया भी भुगतान करना पड़ रहा है. ऐसे में उन्हें भारी आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है. इससे उबरने कि लए संवेदकों ने खनन ‌विभाग में क्षतिपूर्ति का दावा ठोका था, जिसे विभाग ने सिरे खारिज कर दिया है.
विभाग ने संवेदकों को एक बार फिर जल्द-से-जल्द पर्यावरण क्लीयरेंस लेने को कहा है. मुख्य खान निदेशक सतीश कुमार सिंह ने ठेकदारों को क्षतिपूर्ति का दावा ग्रीन ट्रिब्यूनल में करने की सलाह दी है. बालू घाटों के खनन का ठेका लेनेवालों अब तक पॉल्यूशन क्लीयरेंस नहीं लिया है, ग्रीन ट्रीब्यूनल नें खान-भूतत्व विभाग से उनकी सूची मांगी है.
जानकारी के अनुसार 40-45 दिनों तक बिना पॉल्यूशन क्लीयरेंस के बालू घाटों का खनन कराने वाले संवेदकों पर वह जुरमाना लगाने की सोंच रहा है. खान-भूतत्व विभाग ने क्षतिपूर्ति का दावा ठोकने वाले संवेदकों को 120 दिनों के अंदर पॉल्यूशन क्लीयरेंस लेने की नेक सलाह दी है, ताकि उनका भी खनन का काम शुरू हो जाये और बिहार को आपात बालू संकट से भी निजात मिल जाये.
किन-किन घाटों की बालू खनन के लिए हुई है बंदोवस्ती
बालू घाट इकाई संवेदक
पटना /भोजपुर/ सारण मेसर्स ब्रॉडसन कमोडिटिज प्राईवेट लि.
नांलंदा महादेव इन्कलेव प्राईवेट लि.
नवादा जय माता दी
अरवल मोर मुकुट प्राइवेट लि.
मुंगेर एनएम फूड्स
जमुई / लखीसराय राज नंदनी प्रोजेक्टस प्राईवेट लि.
बांका महादेव इन्क्लेव प्राईवेट लि.
सीवान प्रभुनाथ प्रसाद
बेतिया सिंह एंड गिरि इन्फ्रास्ट्रक्चर
मधेपुरा कुंदन कुमार
सुपौल उपेंद्र प्रसाद
किशनगंज मो. इजराईल
सहरसा हीरा साह
रोहतास /औरंगाबाद आदित्य मल्टीकॉम प्राईवेट लि.
गोपालगंज सुशील कुमार सिंह
मोतिहारी सन्नी कुमार
मुजफ्फरपुर उमेश कुमार
पूर्णिया मो. जमशेद आलम
गया वेस्टलिंक ट्रेडिंग प्राइवेट लि.
मधुबनी मो. मसीहा
वैशाली मेसर्स बंशिधर कंस्ट्रक्शन लि.
जहानाबाद मेसर्स बंशिधर कंस्ट्रक्शन लि.
कैमूर चैंपियन ग्रुप ऑफ कंपनी
बक्सर कात्यायनी कांट्रैक्टर्स प्राइवेट लि.
भागलपुर सैनिक फूड प्राइवेट लि.

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