-डिजिटल टीम-
पटना : पिछले साल बिहार बोर्ड की दसवीं की परीक्षा के दौरान की एक तसवीर सिर्फ देश में ही नहीं दुनिया में वायरल हो गयी थी. विदेशी न्यूज वेबसाइटों ने भी उस तसवीर काे आधार बना कर बिहार में परीक्षा के दौरान की जाने वाली नकल व कदाचार की खबरों को प्रमुखता से छापा और इसे बिहार की छवि से जोड़ दिया. पिछले कई सालों से तेजी से अपनी छवि बदलते बिहार के लिए यह यह खबर टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ, जिसका नतीजा इस बार बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में दिख रहा है. बिहार बोर्ड ने परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए अपने नियम बदले और उसे कड़ाई से लागू करने की प्रतिबद्धता दिखायी, जिस कारण इस बार कदाचार न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है.
परीक्षा केंद्रों के पास न तो अभिभावक नकलकराने की कोशिश करते दिख हैं और न ही परीक्षार्थी कक्ष के अंदर बहुसंख्या में नकल करने की कोशिश करते ही दिखते हैं. बुधवार से शुरू हुई बिहार बोर्ड की परीक्षाएं अबतक दो दिन संपन्न हुई है और इसमें पहले दिनराज्यभर से 485 व दूसरे दिन गुरुवार को 358 परीक्षार्थी निष्कासित किये गये हैं.दूसरे दिन सबसेज्यादा गया में 59,सारण में 37 व जहानाबाद में 27परीक्षार्थी एक्सपेल्ड किये गये. इस कार्रवाई से छात्र अत्यधिक सतर्क हो गये हैं.

दसवीं की परीक्षा में नकल की यही वह तसवीर हैजोमीडिया में पिछले साल दुनिया भर में वायरल हो गयी थी.
बिहार बोर्ड की परीक्षा की बदली तसवीर, नकल रोकने बनाये गये कड़े नियम
बिहार बोर्ड ने पिछले साल मीडिया में वायरल हुई एक तसवीर और उसके अाधार पर लिखी गयी रिपोर्ट के बाद अपनी व राज्य की सही तसवीर प्रदर्शित करने के लिए इस बार कई पहल किये. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष प्रो लोकेश्वर प्रसाद के अनुसार, परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इतना ही नहीं परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी की भी व्यवस्था की गयी है. बोर्ड ने हर जिले मेंपरीक्षा के लिए एक एक नोडल अधिकारी को तैनात किया हैऔरहरजिले के जिलाधिकारी को मुख्य जिला परीक्षा नियंत्रक बनाया गया है. बोर्ड ने फैसला किया है कदाचार करने वाले छात्रों को इस वर्ष के साथ अगले वर्ष के लिए भी परीक्षा देने से रोक दिया जाये. साथ ही जिन केंद्र पर नकल होगी वहां के वीक्षक व सुरक्षा प्रभारी की भी जिम्मेवारी तय की जायेगी और उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. इस बार नारी शक्ति परीक्षा केंद्र भी बनाये गये, जहां परीक्षा लेने वाले से लेकर वीक्षक व हर कर्मी महिला होंगी. इससे नकल करने वाली लड़कियोंको कदाचार करने से रोकने में मदद मिल रही है. हर जिले में बनाये गये परीक्षा नियंत्रण कक्ष से किसी भी तरह की जानकारी परिक्षार्थी, अभिभावक व परीक्षा से जुड़े कर्मी हासिल कर सकते हैं.
कितने परीक्षार्थी हैं शामिल
इंटर की परीक्षा 24 फरवरी से शुरू हुई है और यह पांच मार्च तक चलेगी. इस परीक्षा में कुल 11 लाख 52 हजार 950 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. इसमें लड़कों की संख्या छह लाख 71 हजार 567 है, जबकि लड़कियों की संख्या चार लाख 86 हजार 383 है. राज्य में कुल 1110 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. इंटर की परीक्षा संपन्न होने के बाद 11 मार्च से 17 मार्च तक मैट्रिक की परीक्षा होगी और उसमें भी सुरक्षा के ऐसे ही कड़े इंतजाम किये जायेंगे.
मीडिया की भूमिका भी अहम
भले ही मीडिया में वायरल हुई एक तसवीर से बिहार की छवि को थोड़ा धक्का लगा हो, लेकिन इससे बड़े बदलाव की पृष्ठभूमि तैयार हुई. मीडिया की भूमिका तथ्य व तसवीरों को वास्तविक रूप में लोगों के सामने पेश करना है और मीडिया ने वही पिछले साल किया था. बिहार बोर्ड ने हर दिन मीडिया कवरेज के लिए भी इस बार बेहतर संयोजन किया है और दिन प्रतिदिन का ब्यौरा उससे साझा की जा रही है.