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जमीन मुआवजे में दलाली का खेल

जमीन अधिग्रहण की मुआवजा राशि बांटने में चल रहा कमीशन पटना : राज्य में एनएच समेत कई तरह की सड़कों, पुलों और भवनों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. विकास से जुड़े इन निर्माण कार्यों में बड़े स्तर पर जमीन की जरूरत पड़ रही है. इसके लिए ग्रामीण और अर्द्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन […]

जमीन अधिग्रहण की मुआवजा राशि बांटने में चल रहा कमीशन
पटना : राज्य में एनएच समेत कई तरह की सड़कों, पुलों और भवनों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. विकास से जुड़े इन निर्माण कार्यों में बड़े स्तर पर जमीन की जरूरत पड़ रही है. इसके लिए ग्रामीण और अर्द्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन का अधिग्रहण भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है. अधिग्रहण की इस प्रक्रिया में लोगों को चेक देने में राजस्व विभाग के कर्मचारी से लेकर पदाधिकारी तक जमकर घूस ले रहे हैं. अधिग्रहण मुआवजा में दलाली का खेल जोरों पर हैं.
ऊपर तक जाते हैं घूस के ये रुपये: पिछले कुछ दिनों में निगरानी विभाग ने तीन राजस्व कर्मचारियों को ही घूस लेते दबोचा है. इन भ्रष्ट कर्मचारियों से गहन पूछताछ में दलाली के पूरे रैकेट की बात सामने आयी है. पटना, गया समेत अन्य जिलों के भू-अर्जन कार्यालयों से घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये पेशकार समेत अन्य कर्मचारियों इस खेल का खुलासा हुआ है.
इन कर्मचारियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि घूस के ये रुपये सिर्फ उन तक ही नहीं, बल्कि ऊपर तक जाते हैं. सहरसा के कहरा अंचल से गिरफ्तार हुए सीओ इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. हालांकि इससे जुड़े सभी तथ्यों की जांच निगरानी कर रही है.
20 हजार लेते हुए थे गिरफ्तार: 17 फरवरी (बुधवार) को पटना जिला भू-अर्जन पदाधिकारी कार्यालय से पेशकार जयनारायण रजक को मुआवजा का चेक देने के ऐवज में 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था. बिहटा थाना क्षेत्र के जमुनापुर निवासी विश्वनाथ महतो की कुछ बीघे जमीन सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहण कर ली गयी थी. इसकी क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार की तरफ से उन्हें करीब 10 लाख मुआवजा का चेक मिल रहा था, जिसे देने के लिए 20 हजार यानी दो प्रतिशत के हिसाब से कमीशन लिया जा रहा था. ऐसी ही स्थिति अन्य अंचलों ही भी है, जहां जमीन अधिग्रहण से संबंधित चेक का वितरण होता है.
घूस नहीं देने वालों को ऐसे करते परेशान : जो लोग घूस देने से इनकार करते हैं, उन्हें कर्मचारी चेक देने में काफी आनाकानी करते या नाहक परेशान करते हैं.
कई तरह से बहाने बनाये जाते हैं. कई बार दौड़ाने के बाद इनका दलाल संबंधित व्यक्ति को यह समझाता है कि परेशान होने से अच्छा है कि कुछ नजराना दे दें. फिर व्यक्ति के चेक एमाउंट के हिसाब से घूस की राशि बता दी जाती है.

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