पटना: मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिजली उपभोक्ता जितना का भुगतान करेंगे उतनी की बिजली आपूर्ति की जायेगी. ग्रामीण अंचलों में बिजली बिल का भुगतान नहीं करना चाह रहे हैं, तो वहां बिजली आपूर्ति में कटौती जायेगी. सरकार का प्रयास है कि इस माह के अंत में सभी जिला मुख्यालयों व प्रमुख शहरों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जायेगी.
इस हिसाब से पावर होल्डिंग कंपनी को संसाधन उपलब्ध करा दिया गया है. शहरी इलाकों खास कर पटना सिटी इलाके में टोका फंसा कर बिजली की चोरी की जा रही है. अब इस समस्या से निजात पाने के लिए अंडर ग्राउंड केबल के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जायेगी. मंगलवार व बुधवार को बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन एवं नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के काम काज की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
पटना ग्रामीण से नहीं मिल रहा राजस्व : सीएस ने कहा कि 24 घंटे बिजली की आपूर्ति वहीं की जायेगी जहां से सौ फीसदी राजस्व की वसूली होगी. निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए एक दर्जन जिलों में ग्रामीण फीडर और शहरी फीडर को अलग-अलग कर दिया गया है. जरूरत के मुताबिक पावर ट्रांसफॉर्मर लगाये जा रहे हैं.
एबी स्वीच लगाने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है. मुख्य सचिव ने बताया कि पटना ग्रामीण इलाकों से राजस्व नहीं के बराबर मिल रहा है. वहां की बिजली आपूर्ति में कटौती की जायेगी. फिलहाल वहां 20 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है, जिसे घटा कर 10 से 12 घंटे की जायेगी. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र से 85 प्रतिशत राजस्व आ रहा है उसे शत-प्रतिशत तक लाना है.
अरवल डीएम को फटकार : जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने अरवल के डीएम को फटकार लगाते हुए कहा कि जब राजस्व कम मिल रहा है तो 24 घंटे बिजली की आपूर्ति का क्या औचित्य है. सरकार का जब निर्णय है कि जितना बिल उतना बिजली तो अतिरिक्त बिजली क्यों दी जा रही है. गुरुवार से वहां मात्र 12 घंटे बिजली की आपूर्ति की जायेगी. इसी तरह कई अन्य जिलों के जिलाधिकारियों को भी बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी को लेकर मुख्य सचिव ने फटकार लगायी.